NewDelhi : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने केंद्र सरकार को 99,122 करोड़ रुपये का अधिशेष हस्तांतरित करने का फैसला किया है. आज 21 मई को आरबीआई के केंद्रीय निदेशक मंडल की 589वीं बैठक में यह निर्णय लिया गया. खबर है कि बोर्ड ने अपनी बैठक में अर्थव्यवस्था पर कोविड-19 की दूसरी लहर के प्रभाव को कम करने के लिए वर्तमान आर्थिक स्थिति, वैश्विक और घरेलू चुनौतियों और रिजर्व बैंक द्वारा उठाये गये हाल के नीतिगत उपायों की समीक्षा की.
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बैठक में डिप्टी गवर्न श्महेश कुमार जैन सहित अन्य शामिल थे
बैठक में डिप्टी गवर्न श्महेश कुमार जैन, डॉ. माइकल देवव्रत पात्रा, एम राजेश्वर राव, टी रबी शंकर और केंद्रीय बोर्ड के निदेशक एन चंद्रशेखरन, सतीश के. मराठे, एस. गुरुमूर्ति, रेवती अय्यर और प्रो. सचिन चतुर्वेदी शामिल रहे. वित्तीय सेवा विभाग के सचिव देबाशीष पांडा और आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव अजय सेठ ने भी बैठक में उपस्थित थे
रिजर्व बैंक के लेखा वर्ष अप्रैल से मार्च (पहले जुलाई से जून) में परिवर्तन के चलते बोर्ड ने नौ महीने (जुलाई 2020 से मार्च 2021) की अवधि के दौरान भारतीय रिजर्व बैंक के कामकाज पर चर्चा की और वार्षिक रिपोर्ट को मंजूरी दी. बोर्ड ने 31 मार्च 2021 (जुलाई 2020 से मार्च 2021) को समाप्त नौ महीने की लेखा अवधि के लिए केंद्र सरकार को अधिशेष के रूप में 99,122 करोड़ रुपये के हस्तांतरण को मंजूरी दी है.
बयान के अनुसार बोर्ड ने 31 मार्च 2021 को समाप्त नौ महीने (जुलाई 2020-मार्च 2021) की लेखा अवधि के लिए केंद्र सरकार को अधिशेष के रूप में 99,122 करोड़ रुपये के हस्तांतरण को मंजूरी दी, जबकि आकस्मिक जोखिम बफर को 5.50 फीसदी पर बनाये रखने का निर्णय लिया.
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पिछले वर्ष 57,128 करोड़ हस्तांतरित किये थे
इससे पहले बोर्ड ने लेखा वर्ष 2019-20 के लिए सरकार को 57,128 करोड़ रुपये का अधिशेष हस्तांतरित करने पर अपनी सहमति दी थी. यह पिछले साल से पहले बीते सात वर्षों में सबसे कम सरप्लस ट्रांसफर था. साल 2019 में आरबीआई ने केंद्र सरकार को 1,23,414 करोड़ रुपये अधिशेष हस्तांतरित किये थे
केंद्रीय बैंक की कमाई
केंद्रीय बैंक की कमाई का मुख्य जरिए करेंसी कारोबार और सरकारी बांड के अलावा नोटों का मुद्रण या सिक्कों की ढलाई है. इस आमदनी में से एक हिस्से को रिजर्व बैंक अपने परिचालन खर्च और आकस्मिक जरूरत के लिए रखता है. शेष राशि सरकार को लाभांश के रूप में हस्तांतरित कर दी जाती है. रिजर्व बैंक द्वारा सरकार को दिए जाने वाले अधिशेष को लाभांश कहा जाता है.