Chandil (Dilip Kumar) : अखिल झारखंड विस्थापित अधिकार मंच के बैनर तले 84 मौजा 116 गांव के विस्थापितों ने शनिवार को विकास भवन आदित्यपुर कार्यालय में प्रदर्शन करने के बाद कई कार्यालयों को सील कर दिया. प्रदर्शन के दौरान विस्थापितों ने सुवर्णरेखा परियोजना के अधिकारियों के खिलाफ जमकर हुंकार भरी. प्रदर्शन के दौरान बड़ी संख्या में विस्थापित कार्यालय के सीढ़ियों में बैठकर कार्यालय को जाम कर दिया. चरणबद्ध तरीके से लड़ाई चल रहाी है. इसी क्रम में शनिवार को आदित्यपुर कार्यालय का गेट जाम और तालाबंदी का कार्यक्रम था. आंदोलन का तीसरा चरण 5 जुलाई को ईचागढ़ की विधायक सविता महतो और जल संसाधन विभाग के मंत्री हेमंत सोरेन का पुतला दहन करने के साथ धरना स्थल से चांडिल बांध तक विस्थापित महारैली निकाला जाएगा.
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गायब थे परियोजना के अधिकारी
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विस्थापितों के आक्रोश को देखते हुए परियोजना के अधिकारी कार्यालय से गायब रहे. मंच के संस्थापक राकेश रंजन महतो ने बताया कि आंदोलन के दूसरे चरण में 26 जून को चांडिल पुनर्वास ऑफिस गेट जाम के दौरान कार्यालय परिसर में शराब व बीयर की बोतलें और गांजा का पौधा समेत आपत्तिजनक सामग्री मिलने के बाद विस्थापित आक्रोशित हैं. विदित हो कि अखिल झारखंड विस्थापित अधिकार मंच के बैनर तले 84 मौजा के 116 गांव के विस्थापित चांडिल स्थित अधीक्षण अभियंता के पुराने कार्यालय परिसर में 16 जून से अनिश्चितकालीन धरना पर बैठे हैं. इनके साथ विभाग ना कोई वार्ता कर रही है और ना ही मांगों पर कोई सुनवाई हो रहा है. इसलिए सभी विस्थापितों ने आरपार की अंतिम लड़ाई लड़ने के लिए कमर कसने की बात कर रहे हैं.
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सील करने के बाद साटा नोटिस
अखिल झारखंड विस्थापित अधिकार मंच के बैनर तले विकास भवन आदित्यपुर कार्यालय में प्रदर्शन करने के बाद महिला प्रतिनिधिमंडल ने विकास भवन स्थित कई कार्यालयों को सील कर दिया. आंदोलनरत विस्थापितों ने कार्यालय के चीफ इंजीनियर चांडिल कॉमप्लेक्स जमशेदपुर का कार्यालय, अपर निदेशक रंजना मिश्रा का कार्यालय, सहायक प्रशाखा पदाधिकारी धर्मवीर कुमार का कार्यालय और अपर निदेशक भू अर्जन एवं पुनर्वास स्वर्णरेखा परियोजना आदित्यपुर के कार्यालय को सील कर दिया. विस्थापितों ने कार्यालय के गेट पर नोटिस भी चिपकाया है. नोटिस में लिखा है कि चांडिल डैम के 84 मौजा के 116 गांवों के विस्थापित अधिकार मंच के बैनर तले महिला प्रतिनिधिमंडल ने पहली जुलाई को कार्यालय को सील किया गया. सील खोलने से पहले विस्थापित अधिकार मंच के साथ वार्ता किया जाए.
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वापस लेंगे जमीन : राकेश
प्रदर्शन के दौरान राकेश महतो ने कहा अबकी बार लड़ाई आर-पार की है, सरकार अगर हमारी मांगे नहीं मानती है तो विस्थापित डैम का पानी खोल कर अपना जमीन वापस लेंगे और उस जमीन के सहारे जीवन यापन करेंगे. चांडिल बांध के दयापुर गांव के विस्थापित अनूप महतो ने कहा चांडिल बांध विस्थापित की मांगों को लेकर हमारे पूर्वज शहीद हुए हैं. प्रशासन के द्वारा आंदोलन स्थल पर गोली चलाए गए, लेकिन अभी तक सरकार ना कोई संज्ञान लिया है और ना ही विस्थापितों को अभी तक इंसाफ मिल पाई है. प्रदर्शन में अनूप महतो (मुरु), विवेक सिंह, आस्तिक महतो, विष्णुपद महतो, सीताराम महतो, अरुण दीवार, मुगल गोप, गोपेश महतो, बाबूलाल गोप, नारद महतो, विधु वाला महतो, गीता रानी महतो, मुन्नीदेवी महतो, प्रतिमा महतो, जगबंधु दीवार, अशोका महतो, माधुरी महतो, दिनेश मुर्मू, सुमित्रा महतो, भानुमति महतो, ठाकुर दास महतो, रोमनी महतो, रविवारी महतो, लोधी वाला महतो समेत बड़ी संख्या में विस्थापित शामिल थे.