शिवलिंग पूजन व रुद्राभिषेक के चौथे दिन श्रद्धालुओं ने सुनी भगवान शिव की कथा
Govindpur : शिव महापुराण कथा, सवा लाख पार्थिव शिवलिंग पूजन व रुद्राभिषेक के चौथे दिन बुधवार 26 जुलाई को फॉरेस्ट रिसोर्ट में वृंदावन से आए अंतरराष्ट्रीय कथा वाचक राजेंद्र जी महाराज ने कहा कि शिव ही जीवन का आधार है. शिव ही सृष्टि के आदि, मध्य एवं अंत हैं. जीवन में प्रत्येक मनुष्य अनेक प्रकार की परिस्थितियों का जीवन जीता है. कभी ऐसा समय भी आता है,, जिसमें अपने भी अपनों का साथ छोड़ देते हैं. उस परिस्थिति में व्यक्ति अपने को अकेला समझता है. कोई भी व्यक्ति साथ देने वाला नहीं होता है, तब वह मन और बुद्धि से परमात्मा की शरण में जाता है. जीवन ईश्वर के श्री चरणों में समर्पित कर देता है. तब दुख का धीरे-धीरे नाश होने लगता है.
उन्होंने कहा कि विषमता में समता का दर्शन शिव परिवार कराता है. प्रजापति दक्ष रिश्ते में शंकर जी के ससुर लगते हैं. जब दक्ष को प्रजापति की उपाधि ब्रह्मा जी द्वारा प्राप्त हुई तो उस सम्मान को वह पचा नहीं पाए. भरी सभा में भगवान शिव को अपमानित किया एवं श्राप भी दिया कि किसी भी यज्ञ में शिव का कोई स्थान नहीं होगा. ऐसी परिस्थिति में भी भगवान शिव मौन रहकर सीधे कैलाश पर्वत चले गए. अपमान का विष भी उन्होंने पी लिया. जो बुराइयों का घूंट पी ले और विष पी जाए, वही तो विश्वनाथ हैं. भगवान शिव से हमें प्रेरणा मिलती है. शिव भक्तों को समाज और राष्ट्र की सेवा में बढ़ना चाहिए. शिकायत, आलोचना, निंदा झेलते हुए सत्कर्म करना चाहिए. यही शिव तत्व का सार है
शिवलिंग पार्थिव पूजन में शिव भक्त परिवार के रामबाबू अग्रवाल, शंभूनाथ अग्रवाल, जवाहर लाल गुप्ता, राजकुमार तायल, सुनील अग्रवाल, कृष्ण गोपाल अग्रवाल, नंदलाल अग्रवाल , अनिल अग्रवाल, आनंद मित्तल, सुनील सरिया, सीता गोयल, अंजू सरिया, सुशील मानसिंहका, सुभाष गोयल, बबलू डोकानिया, ललित केजरीवाल, आशीष केजरीवाल, अनिल अग्रवाल, अनिल खेमका, नरेश अग्रवाल, नवीन पोद्दार, संजय सिंघल, बजरंग अग्रवाल, विक्की अग्रवाल, दिलीप अग्रवाल, रवि मेहरिया, साहिल सरिया आदि शामिल थे.