- सेंट्रल सर्विस ऑफिसर्स हाउसिंग कोऑपरेटिव सोसाइटी के नरेंद्र मिश्रा का आरोप
- सोसाइटी के पैसे से बाउंड्री कराने का भी लगाया आरोप
Amit Singh
Ranchi : भारतीय वन सेवा (आईएफएस) के पूर्व अधिकारी अजय कुमार रस्तोगी ने 4.5 एकड़ गैर मजरुआ जमीन पर कब्जा कर लिया है. वह सेंट्रल सर्विस ऑफिसर्स हाउसिंग को-ऑपरेटिव सोसाइटी के सचिव हैं. उन्होंने सोसाइटी के पैसे से ही गैर मजरुआ जमीन पर चहारदिवारी का निर्माण करा लिया है. ये दोनों काम उन्होंने अपने एक आईएफएस मित्र और एक पूर्व आईपीएस अधिकारी की मदद से किया है. उक्त आरोप उक्त सोसाइटी के सदस्य और पूर्व आईएफएस अधिकारी नरेंद्र मिश्रा ने लगाये हैं. उन्होंने इन गड़बड़ियों की शिकायत राजभवन को देते हुए कार्रवाई की मांग की है.
चहारदिवारी निर्माण करा कर सरकारी जमीन पर कब्जा जमाया
आरोप है कि पूर्व आईएफएस अजय कुमार रस्तोगी ने सोसाइटी का सचिव होने का फायदा उठाते हुए अपने नाम जो प्लॉट आवंटित कराया, उसके ठीक सामने गैर मजरुआ जमीन है. प्लॉट आवंटित कराने के बाद रस्तोगी ने सोसाइटी के 13.43 लाख रुपये खर्च कर गैर मजरुआ जमीन की चहारदिवारी करा ली. इससे सरकारी जमीन उनके कब्जे में आ गयी. बताया जाता है कि सोसाइटी ने अजय रस्तोगी को पहले प्लॉट नंबर 26 आवंटित किया था. इसके बाद उन्होंने अपने नाम से 27 नंबर प्लॉट ले लिया. फिर उन्हें 31 नंबर प्लॉट मिला. इसके बाद 39 नंबर प्लॉट पर आये. अंत में गैरमजरुआ जमीन के ठीक सामने वाले प्लॉट नंबर 40 को अपने नाम करा लिया. इस तरह अपने नाम पांच बार प्लॉट नंबर शिफ्ट किया.
सोसाइटी को सरकार से मिली है 78.35 एकड़ जमीन
सेंट्रल सर्विस ऑफिसर्स हाउसिंग को-ऑपरेटिव सोसाइटी को झारखंड सरकार से 78.35 एकड़ जमीन मिली है. जमीन कांके थाना क्षेत्र के सांगा इलाके में है. सोसाइटी को सरकार से प्लॉट नंबर 34, 35 और 724 दिया गया है. सरकार से मिली जमीन पर कुल 234 प्लॉट तैयार कर आईएएस, आईपीएस एवं आईएफएस अफसरों को आवंटित किये जा रहे हैं. हर प्लॉट 18 डिसमिल, यानी कुल 7820 स्क्वायर फीट का है. मगर रस्तोगी ने इन प्लॉटों के अलावा भी 158, 159 व 160 नंबर प्लॉट की जमीन पर चहारदिवारी करा ली है.
आम सभा में खुला मामला
8 जनवरी 2023 को सोसाइटी की आमसभा हुई थी. इसमें सदस्यों ने प्लॉटिंग का नक्शा देखा. तब सोसाइटी की जमीन से सटी गैरमजरुआ जमीन पर सोसाइटी के पैसे से चहारदिवारी के निर्माण पर सवाल उठाये. सचिव अजय कुमार रस्तोगी ने सदस्यों को संतोषजनक जवाब नहीं दिया. इसके बाद वन विभाग के पूर्व आईएफएस नरेंद्र मिश्रा ने राज्यपाल, राज्य सरकार के अफसरों और सोसाइटी के अन्य पदाधिकारियों पत्र लिख कर मामले की शिकायत की है.
गैरमजरुआ जमीन पर निजी स्कूल और अस्पताल खोलने की तैयारी
पूर्व आईएफएस नरेंद्र मिश्रा ने दैनिक शुभम संदेश को बताया कि एके रस्तोगी ने गैरमजरुआ जमीन पर खुलेआम कब्जा किया है. सोसाइटी बायलॉज के अनुसार, कब्जे के गैरकानूनी काम में अन्य सदस्य भी जिम्मेवार माने जायेंगे. मैं भी सोसाइटी का सदस्य हूं. रस्तोगी अपने कुछ करीबी आईपीएस और आईएफएस के साथ मिलकर गैरमजरुआ जमीन पर निजी स्कूल और अस्पताल खोलने की तैयारी में हैं. शिकायत के माध्यम से चहारदिवारी निर्माण पर सोसाइटी के खर्च हुए 13.43 लाख रुपये के साथ तोड़ने पर होने वाले 2.68 लाख रुपये खर्च की वसूली का आग्रह किया है.
रस्तोगी का जवाब – कोई परेशानी नहीं होगी, मामला मैनेज कर लेंगे
पूर्व आईएफएस नरेंद्र मिश्रा बताते हैं कि एके रस्तोगी गलत तरीके से सोसाइटी के सचिव पद पर बने हुए हैं. नियमों के अनुसार कोई व्यक्ति लगातार दो बार ही सोसाइटी का पदाधिकारी बन सकता है. रस्तोगी कई बार से सचिव बने हुए हैं. सोसाइटी की बैठक में गैरमजरुआ जमीन पर कब्जा करने पर आपत्ति जतायी थी, लेकिन एके रस्तोगी ने कहा कि इससे कोई परेशानी नहीं होगी. हम लोग सीनियर ऑफिसर हैं. मामले को मैनेज कर लेंगे.