सिंदरी फर्टिलाइजर विस्थापित मोर्चा ने एफसीआईएल प्रबंधन पर लगाया रैयतों व उनके वंशजो की अनदेखी का आरोप
Sindri : सिंदरी फर्टिलाइजर विस्थापित मोर्चा अध्यक्ष भक्तिपद पाल ने गुरुवार 24 अगस्त को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि 77वीं स्वतंत्रता दिवस बीत जाने के बाद भी एफसीआईएल सिंदरी के विस्थापित परिवारों को अभी तक न्याय नहीं मिला है. प्रबंधन ने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में विस्थापितों के भविष्य के लिए कोई योजना नहीं बनाई है. उन्होंने कहा कि एफसीआईएल सिंदरी कारखाना के निर्माण के लिए भूमि रैयतों ने अधिनियम 1894 के तहत वर्ष 1947 में प्रबंधन को जमीन अधिग्रहित कराया था. परंतु उस समय से रैयतों और उनके वंशजों को आजतक उचित मुआवजा, रोजगार और पुनर्वास नहीं दिया गया है. आजादी के 77 वीं वर्षगांठ पर भी प्रबंधन ने कोई घोषणा नहीं की.
उन्होंने कहा कि अधिग्रहण कानून के तहत व्यवहार में नहीं आनेवाले जमीन रैयतों को वापस करनी थी. पुनर्वास नहीं कर सात दशकों में रैयतों के वंशजों को प्रधानमंत्री आवासीय योजना, व्यवसायिक ऋृण, पशुपालन ऋृण, कृषि ऋृण सहित अन्य सरकारी लाभों से वंचित रखा गया है. एफसीआईएल को दी गई जमीन पर हर्ल उद्योग लगा चुका है और उत्पादन कर रहा है. लेकिन विस्थापित परिवार के बेरोजगारों को रोजगार में कोई स्थान नहीं दिया गया. कहा कि प्रबंधन को रैयत के वंशजों को बसे हुए जमीन पर मालिकाना हक देना होगा.
यह भी पढ़ें : धनबाद : रागिनी सिंह की मौजूदगी में दर्जनों महिलाएं हुई भाजपा में शामिल
Leave a Reply