– एनएच- 75 के किनारे स्थित 50 एकड़ जमीन की रजिस्ट्री पर पूर्व डीसी ने लगाई थी रोक
– पूर्व डीसी भोर सिंह यादव ने जमाबंदी रद्द करने का भी दिया था आदेश
– होटल रामाडा के मालिकों के नाम कर दी गई रजिस्ट्री
– जिला निबंधन कार्यालय में गैर मजरूआ मालिक खतियान की जमीन की शुरू हुई रजिस्ट्री
Sunil Kumar
Latehar: सात माह पहले जिस जमीन को सरकारी बताकर उसकी रजिस्ट्री पर रोक लगा दी गई थी, डीसी के बदलते ही वह जमीन बेच दी गई. मामला सदर अंचल लातेहार के एनएच- 75 पर स्थित जगलदग्गा मौजा पर स्थित एक बड़े भू-भाग का है. पूर्व उपायुक्त भोर सिंह यादव ने इस जमीन की जमाबंदी को रद्द करने का आदेश देते हुए इसकी रजिस्ट्री पर रोक लगा दी थी. कुछ दिन पूर्व भोर सिंह यादव का तबादला कर दिया गया. उनका तबादला होते ही विगत पांच सितंबर को दो दस्तावेजों की रजिस्ट्री होटल रामाडा के मालिकों के नाम पर कर दी गई. ऐसे में सवाल यह उठता है कि डीसी का तबादला होते ही जमीन की प्रकृति कैसे बदल गई? सरकारी जमीन की रजिस्ट्री कैसे कर दी गई?
बता दें कि जगलदगा स्थित खाता संख्या 27 की उक्त भूमि की रजिस्ट्री हेतु दस्तावेज विगत 17 फरवरी को जिला निबंधन कार्यालय में पेश किए गए थे. लोगों की शिकायतों के बाद तत्कालीन उपायुक्त भोर सिंह यादव ने खतियान की जांच करायी. जांच में उक्त भूमि गैरमजरुआ मालिक खतियान पाया गया. इसके बाद उक्त भूमि के निबंधन पर रोक लगा दी गई. उपायुक्त के आदेश के उपरांत सदर अंचल अधिकारी रुद्र प्रताप ने तीन खतियानों के रैयतों को ज्ञापांक दो, तीन एवं चार के तहत एक ही दिन दिनांक 27.4.2023 को क्रमशः सुप्रिया सोनी वगैरह, किशोरी देवी वगैरह एवं पार्वती देवी वगैरह को बिहार झारखंड भूमि सुधार अधिनियम 1950 की धारा 4एच के तहत संदिग्ध जमाबंदी की जांच हेतु नोटिस जारी किया था. नोटिस जारी होने के बाद लगान वसूल प्रक्रिया भी रोक दी गयी थी. अंचल कार्यालय ने उक्त जमीन को सरकारी बताया था.
जमीन पर भू-माफिया की थी नजर
मालूम हो एनएच-75 के किनारे स्थित इस बड़े भू-भाग पर भूमि माफिया की नजर थी. औने-पौने दामों में जनवरी में इस जमीन का ऑनलाइन इकरारनामा कराया गया था. पंचायत समिति सदस्य ग्राम पंचायत जालिम सरिता देवी द्वारा 30 जनवरी 2023 को उक्त जमीन के सहमति पत्र को प्रमाणित किया गया था. तत्कालीन उपायुक्त भोर सिंह यादव ने इस पर रोक लगा दी थी. उनका तबादला होते ही निबंधन विभाग ने उक्त भूमि का निबंधन कर डाला. बताया जा रहा है कि पलामू के एक कथित भू-माफिया द्वारा उक्त भू-खंड की डील की गई है. उक्त संदिग्ध जमाबंदी की भूमि का निबंधन होते ही नामांतरण हेतु सदर अंचल कार्यालय में मुकदमा संख्या 994/ 2023 एवम् 995/2023 क्रमशः घनश्याम प्रसाद एवं अनिल कुमार साहू पिता रामदास साहू, रामाडा डाल्टनगंज के नाम से नामांतरण हेतु आवेदन भी दे दिया गया है.
क्या कहते हैं रजिस्ट्रार
रजिस्ट्रार बिपिन कुमार साहू का इस संबंध में कहना है कि रजिस्ट्री प्रक्रिया के अनुसार और कानून के तहत हुई है. ज्यादा जानकारी चाहिए तो कार्यालय आ जाइये.