New Delhi : 2024 का लोकसभा चुनाव मतपत्रों पर होना चाहिए, ईवीएम पर नहीं. कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी की इस मांग से ईवीएम का मुद्दा फिर सुर्खियों में है. लोकसभा चुनाव को लेकर जहां विपक्ष अपने गठबंधन को मजबूत करने की कवायद में जुटा हुआ है, तो वहीं सत्ताधारी दल भी अपने कुनबे में नये नंबर जोड़ने में लगा हुआ है. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
#WATCH | Congress MP Manish Tewari says, “2024 elections must be held on paper ballots.”
He says, “Democracy is too precious to be left to technology. The question is not that EVMs are manipulated. The question is that EVMs can be manipulated. That is reason enough to go back to… pic.twitter.com/stBY1CthlT
— ANI (@ANI) September 23, 2023
#WATCH | RJD MP Manoj Jha says, “…This is not the first time. There are some genuine questions related to EVM. The Election Commission has not been successful yet in negating these questions…We said that allow us to touch the machine, but we didn’t get permission… In any… pic.twitter.com/8TAaY4PYRo
— ANI (@ANI) September 23, 2023
लोकतंत्र को तकनीकी के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता
ऐसे में मनीष तिवारी द्वारा 2024 का लोकसभा चुनाव मतपत्रों से किये जाने की मांग ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है, तिवारी ने न्यूज एजेंसी से बात करते हुए कहा, लोकतंत्र इतना कीमती है कि इसे तकनीकी के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता है. कहा कि मुद्दा यह नहीं है कि ईवीएम में हेर-फेर किया जाता है. बल्कि मुद्दा यह है कि ईवीएम में हेरफेर किया जा सकता है.
मशीन को हैक किया जा सकता है
मनीष तिवारी का मानना था कि कागजी मतपत्रों पर वापस जाने के लिए यह कारण पर्याप्त है. इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन आखिरकार एक मशीन है. आशंका व्यक्त की कि किसी भी तरह से मशीन में धांधली की जा सकती है. मशीन को हैक किया जा सकता है. इसके साथ खिलवाड़ किया जा सकता है. मनीष ने कहा कि मैं चुनाव आयोग के ईवीएम से इस जुड़ाव को नहीं समझ पा रहा.
उदाहरण दिया कि जिन देशों ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन को अपनाया, अंत में वे साधारण कागजी मतपत्रों पर लौट आये. क्योंकि ईवीएम में हस्तक्षेप किया जा सकता है. यह तर्क देते हुए कहा कि इस कारण लोकसभा चुनाव 2024 मतपत्रों पर होने चाहिए.
ईवीएम हैकिंग व ईवीएम के दुरुपयोग की बात की जाती रही है
जान लें कि यह पहली बार नहीं है जब विपक्षी नेताओं या दलों द्वारा मतपत्रों पर वोटिंग किये जाने की मांग की जा रही है. विपक्षी दल कई बार मतदान या मतों की गिनती के दौरान ईवीएम हैकिंग व ईवीएम के दुरुपयोग की बात कह चुके है. बता दें कि निकट भविष्य में कई राज्यों में विधानसभा चुनाव और देश में लोकसभा चनाव होने वाले हैं.