Latehar : जिले के धर्मपुर पथ पर स्थित सरस्वती विद्या मंदिर के वंदना सभागार में शनिवार को स्वामी विवेकानंद की 161वीं जयंती मनायी गयी. साथ ही पूर्ववर्ती छात्रों का एलुमनी मीट का भी आयोजन किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत विद्यालय प्रबंधकारिणी समिति के अध्यक्ष राजीव रंजन पांडेय, कोषाध्यक्ष ज्योति चौधरी, सह सचिव सुधांशु दुबे, प्रधानाचार्य अरुण कुमार चौधरी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया. कार्यक्रम के प्रथम चरण में क्लास 10वीं की अंजलि कुजूर और रूबी कुमारी ने गीत प्रस्तुत किया. वहीं क्लास 8 की शिप्रा, सौरभ और कक्षा 9 की कोमल सिंह ने गीत गायन किया. इसके अलावा विभिन्न प्रकार के रंगमंचीय कार्यक्रमों का आयोजन किया गया.
पूर्ववर्ती छात्रों ने स्कूल से जुड़ी पुरानी यादें साझा की
पूर्व छात्र व आरएसएस के नगर कार्यवाहक श्रीकर ने कहा कि जब उनको पता चला कि विद्यालय में पूर्व छात्र सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है, तो विद्यालय से जुड़ी उनकी सारी यादें फिर से ताजा हो गयी. पूर्ववर्ती छात्रा मधु कुमारी, शिल्पा कुमारी, अनुज कुमारी, रुबी कुमारी, नीलम कुमारी, उपासना कुमारी आदि ने अपने समय की विद्यालय जीवन और विद्यालय से जुड़े रोचक घटनाओं को साझा किया.
संस्कार और शिक्षा इसी स्कूल से प्राप्त किया
पूर्व छात्र व वर्तमान में स्थानीय विद्यालय की आचार्या मधु कुमारी, अनुजा कुमारी, शिल्पा कुमारी और उपासना कुमारी ने बताया कि सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में ही उनका बचपन गुजरा है. इसी विद्यालय से हमने सारे संस्कार और शिक्षा प्राप्त की है. विद्यालय के आचार्य कपिल प्रमाणिक ने बताया कि आज का दिवस प्रेरणादायक है. आज के ही दिन युवाओं के आदर्श स्वामी विवेकानंद का जन्म हुआ था. पूर्व छात्र व वर्तमान में विद्यालय प्रबंधकारिणी समिति के सह सचिव सुधांशु दुबे ने कहा कि वे 2009 में इस विद्यालय में आये थे. विद्यालय से पढ़कर छात्र समाज में जाते हैं. उनके व्यवहार रहन-सहन से पता चल जाता है कि वे विद्या मंदिर के छात्र रहे होंगे.
विद्यालय की धरोहर और देश के भविष्य हैं छात्र
प्रधानाचार्य अरुण कुमार चौधरी ने पूर्व छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि आप सभी विद्यालय की धरोहर और देश के भविष्य हैं. उन्होंने सभी को लक्ष्य के अनुरूप कार्य करने के लिए प्रेरित किया. इस अवसर पूर्व छात्र परिषद के पुनर्गठन की चर्चा भी की. मंच का संचालन रेणू गुप्ता, प्रज्ञा कुमारी और प्राची कुमारी ने किया.
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