NewDelhi : कोरोना संकट के बीच केंद्र सरकार ने खर्च का करने के लिए कई कदम उठाये हैं. जानकारी मिली है कि सरकार ने मंत्रालयों और सरकारी विभागों को खर्च पर अंकुश लगाने के आदेश दिया है. केंद्रीय वित्त मंत्रालय चाहता है कि मंत्रालय और सरकारी विभाग विज्ञापन, प्रचार, ओवरटाइम भत्ता, रिवार्ड्स, घरेलू और विदेश यात्रा खर्च, मामूली रखरखाव का काम जैसे क्षेत्र में 20 फीसदी की कटौती करें.
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सुझावों की सूची मंत्रालयों और विभागों के सभी सचिवों, वित्तीय सलाहकारों को भेज दी गयी
सूत्रों के अनुसार इससे संबंधित सुझावों की सूची मंत्रालयों और विभागों के सभी सचिवों और वित्तीय सलाहकारों को भेज दी गयी है. जिसमें फिजूलखर्च को रोकने के लिए कदम उठाने और इसमें 20 फीसदी की कमी करने को कहा गया है. हालांकि, वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि कोविड -19 महामारी के रोकथाम से संबंधित व्यय को इस आदेश के दायरे से बाहर रखा गया है. यानी यह आदेश कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में बढ़ते खर्चों को पूरा करने के लिए है.
मंत्रालयों और विभागों में नये पदों के सृजन पर प्रतिबंध लगाया गया था
बता दें कि यह दूसरा साल है जब मंत्रालय ने इस तरह के आदेश जारी किये हैं. पिछले साल सितंबर में गैर-विकास व्यय को कम करने के आदेश दिये गये थे साथ ही मंत्रालयों और विभागों में नये पदों के सृजन पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. खबर है कि कल 11 जून को दिये गये ज्ञापन में कई चीजों में खर्च में कमी करने के लिए कहा गया है.
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सलाहकारों की संख्या कम करने को कहा था
जानकारी के अनुसार मंत्रालय ने ओवरटाइम भत्ता, रिवार्ड्स, घरेलू यात्रा, विदेश यात्रा खर्च, ऑफिस खर्च, किराये, रेट्स और टैक्स, रॉयल्टी, प्रकाशन, अन्य प्रशासनिक खर्च, आपूर्ति और सामग्री, राशन की लागत, POL, वस्त्र और टेंटेज, विज्ञापन और प्रचार, लघु कार्य, रखरखाव, सेवा शुल्क, योगदान और अन्य शुल्क को कम करने को कहा है. जान लें कि सरकार ने पहले आयातित कागज पर पुस्तकों और दस्तावेजों की छपाई पर खर्च पर प्रतिबंध लगा दिया था. विभागों से उनके द्वारा नियुक्त सलाहकारों की संख्या कम करने को कहा था.