NewDelhi : डोमिनिका हाईकोर्ट ने मेहुल चोकसी को जमानत देने से इनकार कर दिया है. एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, मेहुल चोकसी की जमानत अर्जी पर सुनवाई के क्रम में डोमिनिकन हाईकोर्ट ने कहा कि इसे जमानत देने में रिस्क है. कोर्ट के अनुसार मेहुल को जमानत दी गयी तो वह देश छोड़कर भाग सकते हैं. इसके बाद उनकी जमानत अर्जी खारिज कर दी गयी.
बता दें कि पूर्व की सुनवाई में डोमिनिका की लोवर कोर्ट ने मेहुल चोकसी की जमानत याचिका 11 जून तक के लिए खारिज कर दी थी. इस फैसले को मेहुल के वकीलों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी. लंबे समय तक चली बहस के बाद कोर्ट ने मेहुल को जमानत नहीं दी.
डोमिनिका ने मेहुल को अवैध प्रवासी घोषित किया है
जान लें कि डोमिनिका की सरकार ने 25 मई को आदेश जारी कर मेहुल चोकसी को अवैध अप्रवासी करार दिया था. डोमिनिका के मिनिस्टर फॉर नेशनल सिक्योरिटी एंड होम अफेयर्स Rayburn Blackmoore ने पुलिस प्रमुख को आदेश देते हुए कहा था कि चोकसी को देश से बाहर करने के लिए देश के कानून के अनुसार कदम उठाये जायें.
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पीएनबी घोटाले का आरोपी है
मेहुल चोकसी और उनके भतीजे नीरव मोदी पर कुछ बैंक अधिकारियों के साथ मिलकर पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के साथ कथित तौर पर 13,500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप है. बता दें कि नीरव मोदी अभी लंदन की एक जेल में बंद है. दोनों के खिलाफ सीबीआई जांच चल रही है.
खबर है कि प्रवर्तन निदेशालय(ED) ने कुछ समय पहले पंजाब नैशनल बैंक घोटाला मामले में मेहुल चोकसी की 14 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति जब्त की थी. उधर नीरव मोदी को यूनाइटेड किंगडम) की एक अदालत से झटका लगा है. अदालत ने मोदी को किसी तरह की रियायत देने से मना कर दिया है. वेस्टमिंस्टर कोर्ट के जज सैमुअल गूजी का कहना कि नीरव को दोषी ठहराने लायक जरूरी सबूत मौजूद हैं. कोर्ट ने यह भी कहा है कि नीरव मोदी ने सबूत मिटाने और गवाहों को धमकाने की साजिश रची है.