Amit Singh
Ranchi : एचईसी में हर माह लाखों रुपए की चोरी होती है. कारखाना में सुनियोजित ढंग से चोरी की घटना को अंजाम दिया जाता है. चोरी सीआईएसएफ, एचईसी के अफसर और कर्मी की मिलीभगत से होती है. एचईसी में हर साल करोड़ों रुपए की चोरी होती है. एचईसी प्रबंधन चोरी से संबंधित एफआईआर थाना में दर्ज कराकर, पूरे मामले को ठंडे बस्ते में डाल देता है. चोरी की जानकारी एचईसी प्रबंधन द्वारा भारी उद्योग मंत्रालय को नहीं दी जाती है. यह जानकारी केंद्रीय खुफिया एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में दिया है. पिछले दिनों एजेंसी ने एचईसी में बढ़ रही चोरी की घटना पर विस्तृत रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजा है.
जानिए एचईसी में चोरी को लेकर केंद्रीय खुफिया एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में क्या कहां है
तुपुदाना में खपाया जाता है चोरी का सामान
एचईसी के प्लांटों से लोहा, तांबा और अन्य वस्तुओं की चोरी लगातार हो रही है. एफएफपी से सबसे अधिक चोरी हो रही है. चोरी में एक बड़ा गिरोह शामिल है. इसमें सीआईएसएफ के जवान से लेकर एचईसी के कर्मचारी, अधिकारी और ठेका श्रमिक तक शामिल हैं. चोरी के सामान को हटिया, तुपुदाना समेत शहर के कबाड़ियों के पास खपाया जा रहा है. हर माह लाखों की चोरी हो रही है और इससे एचईसी को नुकसान उठाना पड़ रहा है.
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सुनियोजित तरीके से होती है प्लांट में चोरी, झाड़ियों में छिपाकर रखते है चोरी के सामान
प्लांटों की सुरक्षा और सख्त करने की जरूरत है. साथ ही प्लांटों के अंदर सीआईएसएफ के सर्विलांस को भी दुरुस्त करने की जरूरत है. प्लांट के अंदर से सामान की चोरी सुनियोजित तरीके से होती है. शॉप के अंदर रखे बड़े टुकड़े को बाहर निकाला जाता है. इसके बाद उसे कई दिनों तक सरकाते हुए चहारदीवारी तक ले जाया जाता है. चहारदीवारी के बाहर कुछ दिन उसे झाड़ियों में छिपाकर रखा जाता है. इसके बाद मौका लगते ही चहारदीवारी से बाहर फेंक दिया जाता है. कभी-कभी कुछ लोग चहारदीवारी के अंदर भी प्रवेश कर जाते हैं. जिस स्थान से यह सब काम होता है, वहां सीआईएसएफ के जवान ड्यूटी में भी नहीं रहते.
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शिकायतों पर गंभीरता नहीं दिखाई जाती, सुरक्षा को लेकर नहीं होती नियमित बैठक
रिपोर्ट के अनुसार चोरी की छोटी-छोटी घटना की शिकायत मिलने के बाद भी उस पर गंभीरता नहीं दिखाई जाती. प्लांटों से लगातार चोरी होती है, लेकिन एक-दो घटना को छोड़ कभी चोरी करते किसी को पकड़ा नहीं गया. और न ही चोरी के संबंध में कोई रिपोर्ट ही केंद्र को भेजी गई है. चोरी के बाद भी गंभीरता नहीं दिखाई जाती. संबंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज कर औपचारिकता पूरी कर ली जाती है. प्लांटों की सुरक्षा को लेकर कोई नियमित बैठक नहीं होती. सुरक्षा के तौर – तरीके में बदलाव भी नहीं किया जाता.
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कबाड़ी दुकानों में छापामारी भी नहीं होती
पुलिस भी एचइसी प्लांटों में चोरी की सूचना के बाद गंभीर नहीं दिखती. हटिया, तुपुदाना इलाके के कबाड़ियों के ठिकाने पर छापामारी नहीं करती. यहां छापामारी करने पर कई सामग्री बरामद हो सकती है.
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