Chandil (Dilip Kumar) : लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही प्रत्याशियों की सरगर्मी बढ़ गई है. अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए सभी उम्मीदवार अपना पूरा दम लगा रहे हैं. प्रत्याशी अपना चुनावी ऐजेंडा और विकास के भावी योजनाओं के बारे में जानकारी दे रहे हैं तो सांसद पांच सालों के दौरान जनता और क्षेत्र के समग्र विकास के लिए किए गए कार्यो की जानकारी जन-जन तक पहुंचा रहे हैं. रांची के सांसद संजय सेठ ने पुस्तिका के माध्यम से रांची लोकसभा क्षेत्र में विकास की झलक जन-जन तक पहुंचा रहे हैं.
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इस पुस्तिका में रांची लोकसभा क्षेत्र के अलग-अलग विधानसभा क्षेत्र में किए गए विकास कार्यो की गाथा पेश किया गया है. पुस्तिका का अध्ययन करने के बाद ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं का कहना है कि वैसे तो सांसद ने अपने कार्यकाल के दौरान विकास के कई कार्य किए हैं, लेकिन विकास कार्य के लिए रांची क्षेत्र को ही प्राथमिकता दिया है. ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र में सांसद का एक भी ऐसा विकास का काम नहीं है जिसकी चर्चा की जा सके.
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ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र में किए गए काम
सांसद की ओर से वितरीत की जा रही पुस्तिका में ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र में आठ सखी मंडल भवन का निर्माण, चांडिल डैम में फ्लोटिंग सोलर के माध्यम से बिजली उत्पादन की योजना स्वीकृती, चांडिल कॉलेज के समीप राज्य के सबसे बड़े अंडर पास का निर्माण, अमृत स्टेशन योजना के तहत चांडिल का चयन, चांडिल में वंदे भारत एक्सप्रेस का ठहराव, नीमडीह प्रखंड के तिल्ला और कुकडू प्रखंड के बकारकुड़ी में अंडरपास का निर्माण, धुनाबुरू, तिरूलडीह व लुपुंगडीह में पावर सबस्टेशन का लोकार्पण, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से चांडिल में रूगड़ी से पदोडीह तक, ईचागढ़ के टीकर से तिरूलडीह तक, छोटा चुनचुरिया से ईचागढ़ तक, टीकर से पातकुम तक, नीमडीह में सामानपुर से पितकी तक, केतूंगा से बंगाल बॉर्डर तक सड़क का निर्माण, लगभग 7.5 करोड़ की लागत से चांडिल बाईपास का निर्माण प्रगति पर, लगभग 9 करोड़ की लागत से टीकर से रांगामाटी सड़क का निर्माण का उल्लेख किया गया है. पुस्तिका में ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र में शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र के किसी प्रकार के काम का उल्लेख नहीं किया गया है. जबकि क्षेत्र में शिक्षा व्यवस्था की कमी और स्वास्थ्य दोनों विकराल समस्या बन गया है.
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अन्य विधानसभा क्षेत्र में किए गए विकास का काम
क्षेत्र में वितरित किए जा रहे पुस्तिका के अनुसार सांसद संजय सेठ के द्वारा रांची रातू रोड में 451 करोड़ की लागत से एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण, कोल इंडिया के सीएसआर से लगभग 68 करोड़ की लागत से पुस्तकालय का निर्माण शुरू, रांची झिरी में गेल इंडिया के द्वारा 300 टन के कचरा संधारण प्लांट तैयार, जिससे 10 हजार केजी सीएनजी का उत्पादन होगा, तुपुदाना में एसपीटी प्लांट का निर्माण, बड़ा तालाब में ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण, रांची लोकसभा क्षेत्र के 57 श्मशान घाट में शेड, चूल्हा और मोक्ष द्वार सहित अन्य बुनियादी सुविधाओं का निर्माण, जुमार नदी पर 7 करोड़ की लागत से श्मशान घाट, लगभग 1 करोड़ की लागत से तिरुफॉल (बुढ़मू) का सौंदर्यीकरण, आयुर्वेदिक चिकित्सा केद्र, हलमाद व बारेंदा का पुर्नगठन एवं जीर्णोद्धार, रांची व हटिया स्टेशन पर आधार सेवा केंद्र, नामकुम के मारासिली पहाड़ का सौंदर्यीकरण, मैक्लुस्कीगंज, लपरा, गुलमोहर के पास और लपरा, हुरहु में पुल निर्माण, रांची के गौरव टैगोर हिल का सौंदर्यीकरण, ओरमांझी दुर्गा मंदिर में 30 केवीए का जनरेटर उपलब्ध कराया गया है.
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ईचागढ़ को महत्व क्यों नहीं
ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र के मतदाता जानना चाहते हैं कि सांसद ईचागढ़ क्षेत्र को महत्व क्यों नहीं दिए. ईचागढ़ के साथ ऐसी अनदेखी क्यों किया जा रहा है, जबकि बीते चुनाव में ईचागढ़ के मतदाताओं ने उन्हें भारी मतों से अग्रणी पंक्ति में बना रखने का काम किया था. क्या सांसद के कार्यकर्ता या उनके प्रतिनिधि उन्हें ईचागढ़ की वास्तविक समस्याओं से अवगत नहीं कराते है या इसे महत्व नहीं दिया गया. 58 श्मशान घाटों में ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र में कितने बने कहां-कहां चूल्हा और मोक्ष द्वार सहित अन्य बुनियादी सुविधाएं दी गई.
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यहां के पुनर्वास स्थलों में श्मशान घाट नहीं होने के कारण विस्थापितों को अपने परिजनों का अंतिम संस्कार करने के लिए अपने पैतृक गांव, जयदा या जमशेदपुर ले जाना पड़ता है. चावलीबासा का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जर्जर भवन के कारण स्कूल में चलता है, वहीं चौका का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बगैर भवन के ही काम कर रहा है. सांसद ने इसका ध्यान क्यों नहीं दिया. ईचागढ़ विस क्षेत्र में पुस्तकालय या बुक बैंक क्यों नहीं. जनता जानना चाहती है कि सांसद फंड से आखिर ईचागढ़ क्षेत्र में विकास का कौन सा काम हुआ है.
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