Ranchi : झारखंड हाईकोर्ट के नये भवन के उद्घाटन का आज एक वर्ष पूरा हो गया. पिछले साल आज ही के दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने हाईकोर्ट के नये भवन का उद्घाटन किया था. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डी वाई चंद्रचूर्ण, राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन, तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और झारखंड हाईकोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र मौजूद थे. उद्घाटन के बाद हाईकोर्ट का नया भवन राज्य को समर्पित कर दिया गया था. हाईकोर्ट के नये भवन में अधिवक्ता 12 जून को शिफ्ट हुए थे और इसी दिन पहली बार न्यायिक कार्य भी शुरू हुआ था. हाईकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन 12 जून को एक कार्यक्रम आयोजित करेगा. जिसमें हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीशों को आमंत्रित करने की तैयारी है. बता दें कि लगभग 600 करोड़ की लागत से बना झारखंड हाईकोर्ट का नया कैंपस सुप्रीम कोर्ट से करीब तीन गुना बड़ा है.
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जानिए नए भवन में पुराने हाईकोर्ट से क्या अलग है
झारखंड सरकार ने हाईकोर्ट के नए भवन में 72 एकड़ जमीन पर हाईकोर्ट की बिल्डिंग और वकीलों के लिए आधारभूत संरचना तैयार की है. पुराने भवन में जहां गाड़ी पार्क करने की समस्या थी, वहीं नए कैंपस में वकील और मुवक्किलों की 2000 गाड़ियां एक साथ पार्क करने की व्यवस्था है.
नए हाईकोर्ट के स्टेट ऑफ द आर्ट बिल्डिंग में एक चीफ जस्टिस कोर्ट रूम और 24 अन्य कोर्ट रूम के अलावा 576 एडवोकेट चेंबर हैं. पुराने भवन में वकीलों के लिए करीब 120-125 चेंबर ही थे. नयी बिल्डिंग में हाईकोर्ट के वरीय अधिवक्ताओं के बैठने के लिए 76 चेंबर बनाए गए हैं.
सभी कोर्ट रूम में 120 लोगों के बैठने की व्यवस्था की है. इसके साथ ही नये हाईकोर्ट भवन में न्यायाधीशों के लिए अलग से लाइब्रेरी है.
नए भवन में आने के बाद हाईकोर्ट के लंबित मामलों के निष्पादन में भी तेजी आई है. इस वर्ष हाईकोर्ट द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, झारखंड हाईकोर्ट में 1 जनवरी से लेकर 30 अप्रैल तक कुल 19028 मामलों का निष्पादन किया गया, जिसमें सिविल और क्रिमिनल नेचर के मामले शामिल हैं. 1 जनवरी 2024 को हाईकोर्ट में सिविल नेचर के कुल 38445 मामले लंबित थे. वहीं क्रिमिनल नेचर के कुल 47148 मामले सुनवाई के लिए लंबित थे. लेकिन 30 अप्रैल तक हाईकोर्ट ने सिविल नेचर के 6942 मामले सुनवाई के बाद निष्पादित कर दिए वही क्रिमिनल नेचर के 12286 मामले सुनवाई के बाद निष्पादित कर दिए गए. पिछले वर्ष यह आंकड़ा 16918 था. लंबित मामलों के निष्पादन के ये आंकड़े तब हैं, जब हाईकोर्ट में फिलहाल सिर्फ 19 न्यायधीशों की बेंच ही बैठ रही है. जबकि हाईकोर्ट में बेंच की टोटल संख्या 25 है.
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