Ranchi : रांची के जलश्रोतों के संरक्षण और रांची के तीन डैमों की साफ-सफाई और अतिक्रमण मुक्त करने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर आज गुरुवार को झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान बुधवार के आदेश के आलोक में पेयजल विभाग के सचिव और रांची नगर निगम के नगर आयुक्त कोर्ट के समक्ष उपस्थित हुए. अदालत ने उनसे पूछा कि शहर में पीने के पानी में गंदगी पर हाईकोर्ट से पहले विभाग का ध्यान क्यों नहीं जाता? कोर्ट के संज्ञान के बाद ही विभाग क्यों जागा ?इसके साथ ही अदालत ने दोनों अधिकारीयों को फटकार लगाते हुए अगली सुनवाई के दौरान दोबारा कोर्ट में उपस्थित होने का निर्देश दिया. साथ ही कोर्ट ने नगर विकास विभाग के सचिव को भी ने अगली सुनवाई में अदालत के समक्ष उपस्थित होने का निर्देश दिया.
झारखंड सिविल सोसाइटी ने दाखिल की है जनहित याचिका
कोर्ट ने गुरूवार को नगर आयुक्त और पेयजल विभाग के सचिव से पूछा कि बड़ा तालाब और डैमों की सफाई के लिए लॉन्ग टर्म प्लान क्या है तो दोनों अधिकारियों ने अदालत को बताया कि इसके लिए कई एजेंसियों से विचार विमर्श किया जा रहा है और इसमें नगर विकास विभाग की भी भूमिका है. नगर विकास विभाग जब तक सीवरेज का काम पूरा नहीं करेगा, तब तक जलाशयों को स्वच्छ रखने में दिक्कत होगी. जिसके बाद अदालत ने अगली सुनवाई में नगर विकास विभाग के सचिव को भी हाईकोर्ट के समक्ष उपस्थित होने का निर्देश दिया. इस संबंध में झारखंड सिविल सोसाइटी की ओर से जनहित याचिका दाखिल की है. सिविल सोसाइटी की ओर से हाईकोर्ट की अधिवक्ता खुशबू कटारुका ने पक्ष रखा.