आधे देश में बाढ़ और आधे देश में सूखाड़ की स्थिति, मगर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान यहां एमएसपी (मतदाता समर्थन पत्र) खोज रहे हैं
Ranchi : झामुमो ने भाजपा के विधानसभा चुनाव प्रभारी शिवराज सिंह चौहान और सह प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा पर हमलावर होते हुए कहा कि हिमंता को असम में बाढ़ की स्थिति नहीं दिख रही है, जहां पर 180 से अधिक मारे गये, कई हजार लोग बेघर हो गये. यहां पर सदियों से लोग बसे हैं. आपसी सौहार्द कायम है. भातृत्व कायम है. इनके खिलाफ इन्हें बोलने के लिए लाया गया है. मगर यह झारखंड है. यह असम नहीं है. उनसे पूछना चाहिए कि असम में एनआरसी कहां गया. एनआरसी में वहां के बड़ी संख्या में जो हिंदू संप्रदाय के लोग हैं, उनका नाम रजिस्टर में नहीं चढ़ा. वे सीएए और एनआरसी पर कुछ नहीं बोलते हैं, कहां गये यह दोनों मुद्दे, क्या हुआ इन मुद्दों का. इस पर वे क्यों नहीं कुछ बोलते हैं. जिस बंगाल के सीट से जीतकर एक सांसद केंद्रीय मंत्री बने हैं, वहां जाकर जरा कुछ क्यों नहीं बोलते हैं. यह बातें झामुमो केंद्रीय महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने मंगलवार को पार्टी कार्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान कही.
उन्हें नफरत की राजनीति को बढ़ावा देने के लिए बुलाया गया है
सुप्रियो ने कहा कि यहां उन्हें नफरत की राजनीति को बढ़ावा देने के लिए बुलाया गया है. हिमंता जी यहां नफरत का बीज न बोयें, जरा असम को जाकर देखे. सरकारी सुविधा का इस्तेमाल समाज को बांटने के लिए न हो. सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि आधे देश में बाढ़ की स्थिति है, आधे देश में सुखाड़ की स्थिति है. एमएसपी के बारे में कुछ नहीं बोलते हैं. मगर यहां पर एमएसपी (मतदाता समर्थन पत्र) खोजने के लिए आ रहे हैं. किसी के आने-जाने में कोई दिक्कत नहीं है. वैसे भी ये लोग केंद्रीय मंत्री और किसी राज्य के सीएम हैं इसलिए प्रोटोकॉल के तहत हमें उन्हें सरकारी सुरक्षा और सुविधा कराना ही है. मगर सरकारी सुविधा का उपयोग समाज को बांटने के लिए न किया जाये.
झारखंड की जनता इन्हें डिस्चार्ज कर वापस भेजेगी
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि हिमंता जी आज फिर आये हैं. वे यहां पर रिचार्ज होने आये हैं. अजीब बात है लोकसभा चुनाव में ये लोग डिस्चार्ज हो गये. फिर उपचुनाव में डिस्चार्ज हुए, इसलिए ये लोग यहां पर डिस्चार्ज होने आ रहे हैं. समाज और जाति को बांटने आ रहे हैं. अगले चुनाव में झारखंड की जनता इन्हें पूरी तरह से डिस्चार्ज करके ही दम लेगी. वैसे भी हिमंता का काम ही है समाज में जहर घोलना.
भाजपा में बेचैनी और भय है, बाबूलाल को फील्ड में जाने की हिम्मत नहीं
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि लोकसभा चुनाव में मुंह की खाने के बाद भाजपा में बेचैनी और बौखलाहट है. 20 जुलाई को प्रभात तारा मैदान में केद्रीय गृह मंत्री समेत अन्य केंद्रीय भाजपा नेताओं का आगमन होने जा रहा है. महाराष्ट्र, हरियाणा और जम्मू काश्मिर का स्पष्ट संदेश इन्हें मिल चुका है. झारखंड में इनलोगों को फीड बैक मिलना शुरू हो गया है. इसलिए इनमें बेचैनी है. मगर यहां कुछ भी कर लें, झारखंड से इनका विधानसभा चुनाव में सफाया तय है. झारखंड की जनता अब नफरत को सहन नहीं करेगी. चाहे जिसे जितना जहर घोलना है, घोल लें. उन्होंने कहा कि बाबूलाल आजकल हर दिन चार से पांच ट्वीट कर रहे हैं. दरअसल इनके पास अब फील्ड में जाने की हिम्मत नहीं रही. इसलिए बंद कमरे से नया काम शुरू कर दिये हैं.
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