रांची के होटल अशोक के कर्मचारी 15 अगस्त को होटल परिसर में करेंगे आत्मदाह
केंद्र और राज्य सरकार को29 दिन से ईमेल के जरिए बता रहे हैं पीड़ा
Ranchi : राजधानी के डोरंडा में स्थित होटल अशोक छह साल से बंद हैं. इसकी वजह से यहां कार्यरत कर्मचारियों की जिंदगी दांव पर लगी है. ऐसे में होटल के बंद होने से आहत कर्मचारियों ने आत्मदाह करने का फैसला किया है. पांच कर्मचारी 15 अगस्त को दोपहर दो बजे होटल परिसर में आत्मदाह करेंगे. कर्मचारियों ने केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारियों को ईमेल के जरिये आत्मदाह की बात कही है. जो कर्मी आत्मदाह करेंगे, उनमें पंकज कुमार, दीपक कुमार सहाय, ओमप्रकाश, बिरेंद्र प्रसाद ठाकुर, सुरेंद्रलाल शर्मा और जीतू सिंह शामिल हैं.
कर्मियों ने ईमेल के जरिये बतायी अपनी पीड़ा
केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारियों को भेजे गये ईमेल में लिखा है कि सर्वप्रथम समस्त सम्मानीय देवतुल्य वरिष्ठजनों आपको हम रांची, झारखंड स्थित भारत पर्यटन विकास निगम व बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम के संयुक्त उपक्रम होटल रांची अशोक के कर्मचारी श्रद्धापूर्वक नमन करते हैं. मेरे सम्मानीय देवतुल्य वरिष्ठजनों आप चाहते हैं कि बचे सारे कर्मचारी नौकरी छोड़ दें या सभी की मौत हो जाये, ताकि आप अपनी इच्छा के अनुरूप डील कर सकें. हमने आपकी इच्छा का सम्मान करते हुए 15 अगस्त को दोपहर 2 बजे होटल परिसर के समक्ष आत्मदाह करने का निर्णय लिया है. लेकिन हम जब तक जिंदा रहेंगे, आपको हर दिन पत्र लिखते रहेंगे. ईमेल में लिखा है कि यह हमारी तरफ से आपको लगातार 29वां दिन, 29वां पत्र दिया जा रहा है. लेकिन आप अपने खेल पे कायम हैं कि कर्मचारियों के रहते होटल हस्थानांतरण की प्रक्रिया पूरी नहीं करनी है. अब हम भी अपने निर्णय पे कायम है कि15 अगस्त को देश के स्वतंत्रता दिवस के दिन हम अपने शरीर को आपकी तरफ से दिये जा रहे पीड़ा से स्वतंत्र करेंगे. आगे लिखा है कि इस दुनियां से खुद को स्वतंत्र करेंगे. हम आपकी खुशी के लिए खुद के शरीर का त्याग करेंगे. हमारी ना सही, आपकी इच्छा तो पूरी होगी. केंद्रीय कैबिनेट के नाम पर हो रहे खेल को बंद किया जाना चाहिए. हम समझ रहे हैं कि झारखंड सरकार और बिहार सरकार दोनों केंद्र सरकार को खेल खेलने में मदद कर रही है. इस खेल में तीनों सरकार बराबर की जिम्मेदार है. इसलिए निवेदन है कि यह बहाना बंद करें. पिछले चार बर्षों से एक ही बहाना कर हमें धोखे में रखा रहा है. निवेदन है कि हमें रोकने का प्रयास ना करें, क्योंकि आपकी प्रताड़ना झेलने से बेहतर मौत है और हम अपने निर्णय पे अडिग हैं.हमारे शब्दों के लिए हमें क्षमा कर दीजियेगा.
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