- ग्रामीण क्षेत्रों में बंद समर्थकों ने सड़क पर उतर कर किया प्रदर्शन, दुकानें कराईं बंद
Chakradharpur (Shambhu Kumar) : कोल्हान प्रमंडल में प्रशासनिक पदाधिकारियों द्वारा असंवैधानिक तरीके से जमीन अधिग्रहण एवं हस्तान्तरण के विरोध में आदिवासी हो महासभा व अन्य संगठनों द्वारा बुधवार को बुलाई गई बंद का असर पोड़ाहाट अनुमंडल में मिला-जुला असर देखा गया. शहरी क्षेत्र को छोड़कर ग्रामीण क्षेत्रों में बंद का असर रहा. चक्रधरपुर से रांची, चाईबासा, सोनुवा, गोईलकेरा व अन्य क्षेत्रों के लिए बसों का परिचालन नहीं हुआ. चक्रधरपुर शहर में आम दिनों की तरह दुकानें व बाजार खुली रहीं. हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों में बंद का असर रहने के कारण बाजार में भीड़ कम देखी गई. वहीं चक्रधरपुर प्रखंड की टोकलो में बंद का असर रहा. यहां सुबह कुछ दुकानदारों ने अपनी दुकानें, खानपान के होटल आदि खोले, लेकिन बंद समर्थकों ने बंद करवा दिया. टोकलो स्थित कैनरा बैंक भी बंद रहा. वहीं टोकलो से छोटी-बड़ी वाहनों का भी परिचालन नहीं हुआ. इधर पोड़ाहाट अनुमंडल की गोईलकेरा में बंद का व्यापक असर रहा. यहां बुधवार सुबह आदिवासी हो समाज महासभा ने सड़क पर टायर जलाकर प्रदर्शन किया.
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पेट्रोल पम्प भी रहे बंद, लोगों को हुई परेशानी
बंद के समर्थन में उतरे लोगों ने नारेबाजी की. साथ ही बंद से संबंधित पोस्टर भी लहराये. गोईलकेरा में सुबह से ही बाजार व दुकानें पूरी तरह बंद रहीं. पेट्रोल पम्प भी बंद रहे. इधर सोनुवा में भी सुबह स्थानीय बाजार व दुकानें रोजाना की तरह खुलीं. सुबह लगभग साढ़े दस बजे बंद समर्थक सड़क पर उतरे व बाजार व दुकानों को बंद करवा दिया. इससे बाजार आए लोगों को घर लौटना पड़ा. बंद को लेकर छोटी-बड़ी वाहनों का परिचालन भी नहीं हुआ. सोनुवा में भी पेट्रोल पम्प, बैंक आदि बंद रहे. हालांकि यहां स्कूल खुले रहे. वहीं मनोहरपुर व आनंदपुर में बंद का असर रहा. यहां सुबह से ही दुकानें व बाजार बंद रहीं. मनोहरपुर से रांची व अन्य क्षेत्रों के लिए चलने वाली छोटी व बड़ी गाड़ियों के पहिये थमे रहे. पेट्रोल पम्प भी बंद रहने से लोगों को काफी परेशानियां उठानी पड़ी. इधर पोड़ाहाट अनुमंडल की बंदगांव प्रखंड की कराईकेला में बंद का असर नहीं रहा. यहां आम दिनों की तरह दुकानें खुली रहीं, जबकि घाटी ऊपर बंदगांव में भी बंद का ज्यादा असर नहीं रहा. यहां इक्का-दुक्का दुकानें बंद रहीं. हालांकि गाड़ियों का परिचालन नहीं होने से लोग परेशान रहे. इधर बंद को लेकर सभी प्रखंडों में स्थानीय थाना पुलिस के पदाधिकारियों व जवानों द्वारा गश्ती जारी थी.
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बंद समर्थकों की क्या है मांगें
बंद कराने वाले संगठनों आदिवासी हो समाज महाससभा समेत अन्य संगठनों की मांग है कि भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 का अक्षरश: अनुपालन सुनिश्चित हो, अनूसूचित क्षेत्रों में भूमि अधिग्रहण के पूर्व हातुमुंडा, मानकी, माझी बाबा द्वारा ग्राम सभा से पारित होने के बाद ही भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया आरंभ करने, कोल्हान क्षेत्रों में बोली जाने वाली हो, मुंडारी एवं भूमिज भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया जाए. इसके अलावे भी अन्य मांगें हैं.
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इन्होंने किया बंद का समर्थन
बंद को तितिरबिला ग्राम सभा मानकी-मुंडा संघ, आदिवासी छात्र एकता, झारखंड आंदोलनकारी मंच, आदिवासी हो समाज महासभा, आदिवासी माहली परिषद, आदवासी रघुनाथ सिंह भूमिज चुआड़ सेना, अपना अधिकार संगठन, कोल्हान दिशुम सोसाईटी समेत अन्य कई आदिवासी संगठनों ने अपना समर्थन दिया है.