Patna: बैंक के उदासीन रवैये पर पूर्व उप मुख्यमंत्री व राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने चिंता व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि बैंकों के इस रवैये के कारण बिहार में कोविड काल में मदद के लिए तय लक्ष्य 1.20 लाख के विरुद्ध मात्र 28,531 दुकानदारों को ही 10-10 हजार रुपये का बिना मॉर्गेज लोन मिल पाया है. प्रदेश के 115 नगर निकायों में चिह्नित कर जिन 1.28 लाख स्ट्रीट वेंडर्स को वेंडिंग सर्टिफिकेट दिया गया, उनमें से भी केवल 52,498 को ही आई-कार्ड निर्गत किया जा सका है.
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स्ट्रीट वेंडर्स का कारोबार प्रभावित
राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने कहा कि कोविड संक्रमण को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के दौरान बड़ी संख्या में फुटपाथी दुकानदारों का कारोबार प्रभावित हुआ. ऐसे कारोबारियों को राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने पीएम गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत पहली जून 2020 से आत्मनिर्भर अभियान के तहत 10 हजार रुपये तक का बिना मॉर्गेज का ऋण देने तथा समय पर भुगतान करने पर 7 फीसदी ब्याज अनुदान देने का प्रावधान किया है.
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बैंकों ने कम उपलब्ध कराया लोन
उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत बिहार में 1.20 लाख को ऋण देने का लक्ष्य तय किया गया. एक लाख फुटपाथी दुकानदारों ने ऋण के लिए अपना आवेदन स्वयं या बैंकों के माध्यम से पीएम स्व निधि पोर्टल पर अपलोड किया. जिनमें से 44,292 को स्वीकृत किया गया, मगर बैंकों ने अब तक मात्र 28,531 को ही ऋण उपलब्ध कराया है. सूबे के 115 नगर निकायों के सर्वेक्षण में 1.28 लाख स्ट्रीट वेंडर्स की पहचान कर उन्हें वेंडिंग सर्टिफिकेट दिया गया,मगर अब तक इनमें से मात्र 52,498 को ही आइडी कार्ड निर्गत किया जा सका है.
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