Chakradharpur (Shambhu Kumar) : बंदगांव प्रखंड की लुम्बई मोड़ जुड़ीहासा में करमा पर्व धूमधाम से मनाया गया. सोमवार को जुड़ीहासा में सरना धर्म सोतो समिति शाखा लुम्बई व मतलोयम की ओर से करमा अखाड़ा का विसर्जन जुलूस गाजे बाजे के साथ करमा गीत पर नाचते गाते निकाला गया. विसर्जन के पूर्व सुबह 9 बजे धर्म गुरु करम हेम्ब्रम द्वारा आरजी गोवारी कर पूजा-अर्चना की गई. इसके बाद सामूहिक नृत्य शुरू किया जो देर रात तक चलता रहा. इस अवसर पर आदिवासी संस्कृति से करमा पर्व के गीत पर देर रात तक संस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुए. कार्यक्रम में बलराम हेम्ब्रम ने कहा कि यह पर्व भाई-बहन के अटूट प्रेम और झारखंड की समृद्ध संस्कृति और सभ्यता का प्रतीक है. यह पर्व झारखंडवासियों का प्राचीन और पारंपरिक त्योहार है. इसे झारखंड के लोग धान की रोपाई खत्म होने के बाद प्रकृति की पूजा करते हुए अच्छी फसल की कामना करते हैं.
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उन्होंने कहा कि झारखंडवासियों द्वारा प्रकृति पूजन की यह परंपरा सदियों से चली आ रही है. मान्यता यह भी है कि इस पर्व में बहनों द्वारा भाईयों के लिए मनाई जाती है, यह झारखंड का प्राचीनतम पर्व है जो प्रकृति को समर्पित है, इस दिन लोग प्रकृति की पूजा करते है साथ ही बहनें अपने भाईयों के लंबी उम्र और उसके लिए सुख-समृद्धि की कामना करती हैं. विसर्जन जुलूस के पूर्व करम अखाड़ा समितियों को समिति के द्वारा सम्मानित भी की गई. मौके पर इस मौके पर बेला मुण्डरी,करमू हेम्ब्रोम, असरीता मुण्डरी, नंदराम हेम्ब्रोम, सोमा हेम्ब्रोम, गोमेया पाहन, दुगा चरद, बिरसा हेम्ब्रोम, हरुण हस्सा, नंदलाल मुण्डा, राहिल हेंब्रम, चिरपी बोदरा, बुधन मुण्डरीआश्रिता मुंडरी, गोमेया पाहन, करमु हेम्ब्रम, सोम हेम्ब्रम, नंदलाल हेम्ब्रम सहित काफी संख्या में लोग मौजूद थे.
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