Ranchi: पिछले दो साल से संथालपरगना का हर बड़ा सरकारी कार्यक्रम विवाद, हंगामे और राजनीति की भेंट चढ़ रहा है. बीते दिनों गोड्डा से चलने वाली हमसफर एक्सप्रेस ट्रेन के उद्घाटन के पहले विवाद शुरू हुआ और ट्रेन खुलने के दिन हंगामा और धक्का-मुक्की तक हो गई. 26 जून को देवघर में नवनिर्मित एम्स के ओपीडी सेवा का उद्घाटन होना है. इस कार्यक्रम को लेकर भी विवाद शुरू हो गया है. गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे का आरोप है कि सरकार के आदेश पर देवघर डीसी उन्हें कार्यक्रम से दूर करने की कोशिश कर रहे हैं. दरअसल संथाल में केंद्र से मिली सरकारी योजनाओं के शुरू होने का क्रेडिट लेने के लिए निशिकांत दुबे काफी तत्पर दिखते हैं. राज्य के दूसरे सांसद और विधायक ऐसे मामलों में अपनी नाराजगी जरूर जाहिर करते हैं, लेकिन इसे एजेंडा बनाकर हफ्ते, महीने तक राजनीति नहीं करते.
इसे भी पढ़ें – टेंडर वाली जगह पर दिखे JMM विधायक समीर मोहंती, मीडियाकर्मी देख भागे, कहा-BJP के इशारे पर नाच रही मीडिया
अधिकारों का हनन कर रही सरकार- निशिकांत
निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया है कि हेमंत सरकार को एम्स के उद्घाटन कार्यक्रम में उनके सशरीर शामिल होने में परेशानी है. उनका आदेश है कि वे कार्यक्रम के दिन देवघर में न रहें. उन्होंने आरोप लगाया है कि सरकार के आदेश पर देवघर डीसी उन्हें कार्यक्रम में जाने से रोक रहे हैं. स्थानीय सांसद और एम्स का सदस्य होने के नाते यह उनके अधिकारों का हनन है. उन्होंने केंद्र सरकार से डीसी को बर्खास्त करने की मांग की है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्द्धन ने दिया है आश्वासन
इस मामले को लेकर निशिकांत ने बीजेपी के केंद्रीय नेताओं से बात की. निशिकांत का दावा है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने यह फैसला लिया है कि 26 तारीख को अगर कार्यक्रम में उनकी (निशिकांत) उपस्थिति होगी, तभी एम्स का उद्घाटन होगा, वरना कार्यक्रम रद्द कर दिया जायेगा.
इसे भी पढ़ें – नामकुम थाने का ASI पांच हजार रुपये घूस लेते रंगेहाथ गिरफ्तार, एसीबी ने की कार्रवाई
निशिकांत के पक्ष में आंदोलन करेगी बीजेपी
उधर प्रदेश बीजेपी भी निशिकांत दुबे के समर्थन में कूद पड़ी है. प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा है कि राजनीतिक विद्वेष के तहत राज्य सरकार के इशारे पर देवघर डीसी के द्वारा एम्स के उद्घाटन में स्थानीय सांसद निशिकांत दुबे को शामिल होने से रोकने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि बीजेपी इसका कड़ा विरोध करती है और अगर ऐसा होता है तो पार्टी आंदोलन करने को मजबूर होगी.
श्रेय लेने की सबसे ज्यादा छटपटाहट संथाल में ही क्यों
संथाल में होने वाले सरकारी कार्यक्रमों में श्रेय लेने की होड़ बहुत ज्यादा दिख रही है. इससे पहले 8 अप्रैल को गोड्डा से हमसफर ट्रेन खुलने के पहले भी खूब राजनीति हुई थी. उसके केंद्र में भी निशिकांत दुबे ही थे. निशिकांत दुबे इस ट्रेन को चलवाने का श्रेय खुद लेना चाह रहे थे. उन्होंने आरोप लगाया था कि सरकार के निर्देश पर उन्हें कार्यक्रम में शामिल होने का न्योता नहीं दिया गया. कई दिनों तक इसपर राजनीति भी हुई, लेकिन आखिरकार निशिकांत दुबे ने ही ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था. हालांकि कार्यक्रम के दौरान उनके और विधायक प्रदीप यादव के बीच धक्का-मुक्की भी हो गयी थी.