Pakur : जिले के हिरणपुर प्रखंड में 14 साल पहले बने एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में करोड़ों की गड़बड़ी सामने आयी है. दरअसल 14 साल पहले (2006-07) सीएचसी निर्माण के लिए ग्रामीण विकास विभाग ने 3.66 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी थी. इस भवन निर्माण के लिए संबंधित ठेकेदार ने करीब 2 करोड़ रुपये की निकासी भी कर ली. इसके बाद भी सीएचसी बीमार अवस्था में पड़ा हुआ है. वर्तमान में सीएचसी भवन की हालत काफी दयनीय हो गई है. अब जब इसकी जानकारी सार्वजनिक हुई है कि जिला प्रशासन कार्रवाई की बात कर रहा है. यह सीएचसी भवन निर्माण का कार्य लिट्टीपाड़ा प्रखंड के कमलघाटी में हो रहा था.
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भवन खंडहर में तब्दील होता जा रहा है.
काम मिलते ही ठेकेदार ने सीएचसी भवनों की दीवार खड़ी की थी. कई भवनों के छत की भी ढलाई की गई. इसके बाद निर्माण कार्य शिथिल पड़ गया. अभी तक दीवारों का प्लास्टर नहीं हुआ है. दरवाजा-खिड़की भी नहीं लग सकी है. भवन खंडहर में तब्दील होता जा रहा है. सूत्रों के अनुसार उस समय भवन निर्माण के लिए नए सिरे से प्राक्कलन बनाने की प्रक्रिया चल रही थी, जो अभी तक पूरी नहीं हो सकी. वर्तमान में जहां सीएचसी चल रहा है वह भवन बिल्कुल जर्जर हो चुका है. कभी भी बड़ी घटना हो सकती है. स्वास्थ्य कर्मियों का सरकारी आवास भी जर्जर हो गया है. कभी भी छत टूटकर गिर सकता है.
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वर्षो बीत जाने के बाद भी भवन निर्माण का काम पूरा नहीं पाया
ग्रामीणों का कहना है कि वर्षो बीत जाने के बाद भी भवन निर्माण का काम पूरा नहीं पाया है. वहीं प्रभारी चिकित्सा प्रभारी से पूछने पर उन्होंने बताया कि भवन निर्माण को लेकर उन्हें कोई जानकारी नहीं है. दूसरी तरफ जिले के सिविल सर्जन ने माना है कि भवन अधूरा पड़ा हुआ है. संबंधित विभाग से बात की जाएगी. जिला प्रशासन का कहना है कि अधूरा भवन निर्माण का मामला संज्ञान में है. संबंधित विभाग को आवश्यक निर्देश दिया गया है. शीघ्र की कार्य प्रारंभ होने की संभावना है.
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