Koderma: राज्य में भूख से मौत होने का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. आये दिन राज्य में कोडरमा हो या कोई अन्य जिला, भूख, बीमारी और गरीबी से मौत होने का मामला सामने आ रहा है. यह सब राज्य में जन वितरण प्रणाली केंद्र और आधार कार्ड से राशन कार्ड के जुड़े होने से भी हो रहा है.
विगत दिनों रांची के मांडर प्रखंड के सुरसा में दुगीय उरांव की भूख से मौत हो गई थी. इसके पूर्व में धनबाद के बैदनाथ रविदास की भूख से हुए मौत मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव को यह आदेश दिया कि सरकार की लापरवाही के कारण उनका राशन कार्ड नहीं बना था. जिस कारण बैदनाथ रविदास की मौत हुई थी. जिसके बाद उसके राशन कार्ड बनाने की प्रक्रिया को तेज़ किया गया था और आनन फानन में राशन कार्ड बनाया गया था.
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कोडरमा के डोमचांच में है ऐसा ही मामला
ऐसा ही एक मामला कोडरमा जिला के डोमचांच के ढोढाकोला पंचायत के कारीपहरी गांव का है. जहां के रहने वाले विनोद तुरी दाने-दाने के मोहताज हो रहे हैं. वहीं डोमचांच प्रखंड के ढोढाकोल पंचायत के एक जानकारी के अनुसार विनोद तुरी विगत कई माह से टीबी की बीमारी से ग्रसित हैं. जिस कारण वह मेहनत मजदूरी करने में असमर्थ हैं. उनकी पत्नी अपने बच्चों का लालन-पालन करने के लिए किसी तरह मेहनत मजदूरी कर के घर चलाती हैं.
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मंजू देवी बताती हैं कि जब आक मिलता है तो खाते हैं. काम नहीं मिलता है तो भूखे दिन काटना पड़ता है. पास में घर में बर्तन धोने का काम भी नहीं मिलता है. हालत यह है की काम नहीं मिलने के कारण कई-कई दिन बच्चों के साथ घर में भूखे रहना पड़ता है. राशन कार्ड नहीं होने के कारण डीलर अनाज भी नहीं देता है.
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राशन कार्ड नहीं बनने से भूख से मरने की नौबत
मंजू देवी बताती है की गांव के राशन डीलर मदन को कई बार पेपर दिए हैं. लेकिन डीलर अब तक राशन कार्ड बना कर नहीं दिया है. जिस कारण हमें अनाज नहीं मिलता है. भूख से मरने की नौबत है. मंजू देवी बताती हैं कि उसका जॉब कार्ड भी नहीं बना है. इन्हें आवास योजना का भी लाभ नहीं मिला है. मंजू बताती है की बरसात के दिनों में उसका घर की छत से पानी रिसता है. हम आवास के लिए भी दिए हैं, लेकिन मेरा आवास भी नहीं बना है. इस तरह विनोद तुरी और मंजू देवी और उसका परिवार भूखे मरने को विवश है.
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