Ranchi : महिलाओं पर होने वाले अत्याचार को रोकने के लिए कानून बनाये गये है. समय- समय पर जागरुकता रैली भी निकाली जाती है. फिर भी महिलाओं पर अत्याचार में मामले बढ़ ही रहे है. महिलाओं पर सबसे अधिक उनके परिजन या जानने वाले लोग ही अत्याचार करते हैं. पति और परिवार की सबसे ज्यादा प्रताड़ना महिलाओं को झेलनी पड़ती है. एनसीआरबी के रिपोर्ट के मुताबिक झारखंड में पिछले तीन सालों के दौरान महिलाओं पर अत्याचार के कुल 24500 मामले दर्ज किये गये है.
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जानें किस साल कितने मामले हुए दर्ज
एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक 2020 की तुलना में 2021 में महिलाओं पर अत्याचार में वृद्धि हुई है. वर्ष 2019 में झारखंड में 8,760 मुकदमे दर्ज किये गये थे. जबकि वर्ष 2020 में यह घटकर 7,630 हुआ , वहीं साल 2021 में मामले बढ़ कर 8,110 हो गये. हालांकि, चार्जशीट की दर के मामले में झारखंड का रिकॉर्ड राष्ट्रीय स्तर से बेहतर है. झारखंड में 79.7 फीसदी मामलों में चार्जशीट हो जाती है, जबकि देश में मात्र 77.1 फीसदी मामलों में चार्जशीट पेश की जाती है.
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झारखंड की 43 फीसदी महिलाओं पर होता है अत्याचार
झारखंड में महिलाओं की आबादी लगभग 1 करोड़ 88 लाख 50 हजार हैं. इनमें से 43 फीसदी महिलाओं का किसी न किसी रूप में अपराध से सामना होता है. वहीं, देश में 64.5 फीसदी महिलाओं के खिलाफ अपराध होते हैं. केंद्रशासित प्रदेशों की बात करें, तो महिलाओं के खिलाफ अपराध का आंकड़ा 104.5 फीसदी है. सबसे बुरी स्थिति राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की है, जहां महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले 147.6 फीसदी हैं.
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