Pramod Upadhyay
Hazaribagh : हजारीबाग जिला मुख्यालय से 30 किलोमीटर और इचाक प्रखंड से करीब 20 किलोमीटर दूर डाड़ीघाघर पंचायत का गरडीह गांव विकास से कोसों दूर है. यहां रहनेवाली करीब 1500 की आबादी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. इस गांव में न पीने के लिए शुद्ध पेयजल की व्यवस्था है और न ही आवागमन के लिए पक्की सड़क. राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना के तहत पोल और तार तो लगाए गए, लेकिन गांव में दो दशक के बाद भी बिजली नहीं पहुंची. गांव में हाई स्कूल नहीं है. बच्चों को हाई स्कूल में पढ़ने के लिए करीब सात किलोमीटर का जंगली इलाका पार कर फूफूंदी जाना पड़ता है. ऐसे में सबसे अधिक परेशानी लड़कियों को होती है. उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है. गांव की अधिकांश आबादी चुएं से प्यास बुझाने को विवश हैं.
पदाधिकारी और प्रतिनिधि गए ही नहीं : मो. कादरी

ग्रामीण मो. कादरी ने बताया कि इस गांव में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. उग्रवाद प्रभावित रहे इस गांव के विकास के लिए सरकार को विशेष पैकेज देने की जरूरत है. यहां न कोई जनप्रतिनिधि आते हैं और न पदाधिकारी. यहां की जनसमस्याओं को आकर देखने और उसे दूर करने की दरकार है.
चापाकल और कुएं की व्यवस्था नहीं : जुबैदा खातून
गरडीह की जुबैदा खातून ने बताया कि गांव में न चापाकल है और न कुआं. वे लोग चुएं का पानी पीकर अपनी प्यास बुझाने को मजबूर हैं. गांव में यही एकमात्र जलस्रोत है. सरकार और प्रशासन को यहां ध्यान देना चाहिए. यहां के लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. बच्चों के लिए हाई स्कूल भी खुलना चाहिए.
गांव में सड़क, बिजली, पानी और हाई स्कूल की व्यवस्था कराई जाए : आमना खातून

गांव की आमना खातून का कहना है कि यहां रहनेवाले लोगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है. गांव में सड़क, बिजली और पानी की व्यवस्था सरकार को करानी चाहिए. ग्रामीण बिजली के लिए लगातार आंदोलन भी कर रहे हैं. दो दिन पहले ही धरना दिए थे. लेकिन बिजली विभाग से सिर्फ आश्वासन ही मिलता है. सरकार से उनलोगों की मांग है कि यहां बिजली, पानी, सड़क और हाई स्कूल की व्यवस्था कराई जाए.
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