Ranchi : झारखंड ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड और इसके अनुषंगी कंपनियों के अंतर्गत लगातार हो रहे कर्मचारियों की अनदेखी के खिलाफ आगामी 26 सितंबर से निगम मुख्यालय के सामने अनिश्चित कालीन भूख हड़ताल किया जाएगा. यह जानकारी झारखंड पावर वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष आशीष कुमार ने दी. उन्होंने बताया कि पूर्व में भी अपनी 18 सूत्री मांगों को लेकर संघ निगम मुख्यालय के समक्ष भूख हड़ताल किया गया था. प्रबंधन ने मांगों को गंभीरता से लेते हुए पूरा करने का आश्वासन दिया था. लेकिन 10 माह बीतने के बाद भी आज तक प्रबंधन ने कोई सकारात्मक पहल नहीं की. इस कारण यूनियन के केंद्रीय कमेटी की बैठक में निर्णय लिया गया है कि प्रबंधन कर्मचारियों की मांगों को लेकर हमेशा उदासीन रवैया अपनाता आ रहा है. लिखित समझौता करने के बाद भी उसे लागू नहीं किया गया, जिससे कर्मी ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि जब तक हमारी मांगों को प्रबंध पूरा नहीं करती, तब तक कर्मी प्रबंधन के सामने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठेंगे.
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बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के निर्णय को भी किया दरकिनार
अफसर आशीष कुमार ने बताया कि निगम की अधिसूचना संख्या 625 दिनांक 30/05/2022 को लेकर न्यू डिजीग्नेशन मैपिंग के तहत निगम ने नए पदों की रचना की है. जिसे पदाधिकारी और कर्मचारियों के हित को देखते हुए किया गया है. लेकिन निगम बोर्ड ऑफ डायरेक्टर द्वारा लिए गए निर्णय को दरकिनार करते हुए सिर्फ पदाधिकारियों को ही इसका लाभ दे रही है. जबकि कर्मचारियों के हित में इसे लागू नहीं किया जा रहा है.
साथ ही बताया कि प्रमोशन देने के बजाय डिमोशन करते हुए तृतीय श्रेणी के कर्मियों को चतुर्थ वर्ग में किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि 10 वर्षों से कार्य कर रहे कर्मियों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश अनुसार स्थाई करना है. फिर भी कमेटी ने इस मामले को भी लटकाये रखा है.जबकि झारखंड सरकार की ओर से भी कई विभागों में कार्यरत अनुबंध कर्मियों के स्थाईकरण की प्रक्रिया की जा रही है.
इससे आगे उन्होंने कहा कि निगम प्रबंधन द्वारा संघ के साथ लिखित इकरारनामे के बावजूद 6 प्रतिशत विशेष ऊर्जा भत्ता नहीं देना, समझौते के खिलाफ है. संघ के महामंत्री वरुण कुमार सिंह ने प्रबंधन को कड़े शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि प्रबंधन कर्मचारियों के मांगों को अनदेखी करना बंद करें और किए गए समझौते को लागू करे. संघ निगम अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक अविनाश कुमार से अनुरोध करती है कि निगम के द्वारा निर्गत आदेश संख्या 625 को अक्षरशः लागू करने की कृपा करें. ताकि राज्य में होने वाले औद्योगिक अशांति को रोका जा सके.
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