Sindri : सिंदरी (Sindri) कोयलांचल धनबाद में प्रतिदिन लगभग 270 मिलियन गैलन पानी की जरूरत है. हालांकि जरूरतों को देखते हुए अभी लगभग 68% जल की कमी है, जबकि भूगर्भीय जल की कोई कमी नहीं है. अगर खदानों के पानी की शुद्धीकरण किया जाए तो धनबाद में पेयजल की समस्या का हल हो जाएगी. यह बातें बीआईटी सिंदरी के वरीय प्राध्यापक डॉ गिरिजेश कुमार ने बुधवार 18 मई को अमृत महोत्सव कार्यक्रम के तहत सिंदरी महाविद्यालय द्वारा आयोजित जल संरक्षण विषय पर संगोष्ठी में कही. उन्होंने कहा धनबाद में उपलब्ध जल का लगभग 55% किसी कारण से बर्बाद हो जाता है.
पूरी दुनिया में उपलब्ध जल का लगभग 97% खारा
डॉ कुमार ने बताया कि पूरी दुनिया में जितना जल उपलब्ध है. उसका लगभग 97% खारा है. इसका उपयोग दैनिक कार्यों के लिए नहीं किया जा सकता है. 3% फ्रेश वाटर उपयोग के लिए उपलब्ध है. लगभग 2% फ्रेश वाटर बर्फ एवं ग्लेशियर से ढका हुआ है. इस तरह देखा जाए तो उपलब्ध समस्त जल का मात्र 1% फ्रेश वाटर उपयोग के लिए उपलब्ध है.
भविष्य में हो सकती है जल की भारी कमी
उन्होंने कहा कि जल संरक्षण हेतु समुचित प्रयास नहीं किया गया तो आने वाले समय में जल की भीषण कमी होगी और दुनिया की सबसे बड़ी समस्या पेयजल आपूर्ति होगी. उन्होंने छोटे-छोटे कदम उठाने का सुझाव दिया, जिसमें नल को खुला ना छोड़ने, नल से होने वाले पानी के लीकेज को रोकने, रसोई घरों में इस्तेमाल होने वाले पानी के पुनरुपयोग की व्यवस्था करने, वृक्षारोपण आदि शामिल है. अमृत महोत्सव कार्यक्रम के संयोजक अनिल आशुतोष ने अतिथियों का स्वागत किया एवं प्राचार्य डॉ नकुल प्रसाद ने धन्यवाद ज्ञापन किया.
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