Ranchi: अप्रैल की तरह मई का भी महीना हेमंत सरकार और जेएमएम के लिए ठीक नहीं रहा. IAS पूजा सिंघल प्रकरण में बीजेपी की ओर से सरकार पर कई आरोप लगे. वहीं माइंस लीज मामले में भी सीएम हेमंत सोरेन की किरकिरी होती रही. राज्यसभा चुनाव में प्रत्याशी देने को लेकर सहयोगी दल कांग्रेस ने भी आंखें तरेरी. मुख्यमंत्री ने दिल्ली में ईडी को चेतावनी भी दी. कहा कि गलती से ईडी उनतक पहुंच गई तो उसे कितनी परेशानी झेलनी होगी, इसका अंदाजा उसे नहीं है. पूजा सिंघल को क्लीन चिट देने के मामले को लेकर उन्होंने पूर्व की रघुवर सरकार को घेरा. वहीं उनकी पार्टी जेएमएम के महासचिव ने सरकार पर लगे हर आरोप का जवाब प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दिया. उन्होंने कहा कि बीजेपी ईडी की कार्रवाई के बहाने नैरेटिव सेट करने की कोशिश कर रही है. पढ़िए अप्रैल महीने में हेमंत सोरेन और सुप्रियो भट्टाचार्य के दिये 12 बड़े बयान.
इसे भी पढ़ें – लेखा-जोखा॥: 31 दिन में BJP के 34 बड़े बयान, पढ़िए- दीपक प्रकाश, बाबूलाल और रघुवर ने मई में क्या-क्या कहा
मई में सीएम हेमंत सोरेन ने क्या-क्या कहा
30 मई- आज फिर से इस राज्य की आंतरिक इच्छाशक्ति को बढ़ाने के लिए हमने राज्यसभा चुनाव में प्रत्याशी को उतारा है. इस चुनाव का परिणाम राज्य की जनता जब देखेगी, तो इससे कई संदेश जाएगा. सरकार को लेकर असमंजस और संदेह की स्थिति जो मीडिया के अंदर बनी हुई है, उसे जल्द दूर कर लिया जाएगा.
29 मई – गलती से भी ईडी मुझ तक पहुंच गयी, तो उन्हें कितनी परेशानी झेलनी पड़ेगी, उसका अंदेशा उसे नहीं है. अब जब ईडी से सबकुछ संभव नहीं हो रहा है, तो सीबीआई का भी सहारा लिया जा रहा है. ईडी जिस दिशा में आये, वे हर जांच के लिए तैयार खड़े हैं. वे सारे सवालों का जवाब देंगे.
17 मई – आज से पहले इतनी महंगाई केवल 1998 और 1999 में ही हुई थी. लोगों को अब भूखे भी मरने के लिए तैयार होना पड़ेगा. बीजेपी वालों ने पिछले 20 सालों में राज्य में इतना खाया है कि इनको अब अपच हो गया है. इसे पचाने के लिए वे अब सड़क पर उतरे हैं.
11 मई – फरवरी 2017 में पूजा सिंघल को क्लीन चिट देने के मामले में जो भी दोषी होंगे, सरकार वैसे लोगों पर कार्रवाई करेगी. सरकार पूरे मामले पर नजर बनाए हुई थी, इस पर जो भी कानूनी कार्रवाई होगी सरकार करेगी. आज बीजेपी चोर मचाये शोर का काम कर रही है. बीजेपी ने प्रदेश में जितने सालों से सत्ता की है, उन सभी की जांच होनी चाहिए.
6 मई – ईडी की कार्रवाई गीदड़भभकी है. आज जो राजनीतिक परिभाषा बीजेपी गढ़ रही है, वह सही नहीं है. बीजेपी राजनीतिक मैदान में नहीं सकती है, तो संवैधानिक संस्थाओं का उपयोग करती है. लेकिन हम डरनेवालों में से नहीं हैं. बीजेपी का उद्देश्य क्या है, वह किसी से छिपा नहीं है. केंद्र कितना भी प्रयास कर ले, हम अपना हक लेकर रहेंगे. बीजेपी का बस चले, तो वह पंचायत चुनाव में भी ईडी का इस्तेमाल कर ले.
(झारखंड की बड़ी खबरें के लिए यहां क्लिक करें)
सुप्रियो भट्टाचार्य के मई में दिये गये बयान
28 मई – JMM के वरिष्ठ नेता, जिला अध्यक्ष और जिला सचिव सभी ने एक स्वर में कहा है कि हर हाल में राज्यसभा चुनाव में जेएमएम का ही प्रत्याशी जाना चाहिए. झारखंड में राजनीतिक अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की जा रही है. जो भी जांच करना है करिए, लेकिन बीजेपी नैरेटिव बनाने की कोशिश ना करे वरना जेएमएम चुप नहीं बैठेगा. JMM इन मुद्दों को लेकर राज्यसभा चुनाव के बाद बड़ा आंदोलन करेगा.
23 मई – ऐसा लगता है कि केंद्रीय एजेंसियों की पूरी गतिविधियां एक सुनियोजित कहानी की तरह है. सभी पहलुओं को देखने से साफ लगता है कि जांच एजेंसियां अपनी रिपोर्ट निशिकांत दुबे को दे रहे हैं. अगर ऐसा है, तो देश का लोकतंत्र खतरे में है. जांच एजेंसियां क्या करेंगी, उनकी जांच का आधार क्या है, किस अफसर के मोबाइल पर कौन सा मैसेज है, उस मैसेज में क्या लिखा है, यह सभी बीजेपी सांसद को पहले से ही पता है. साफ है कि पिछले कुछ दिनों से प्रदेश में चल रही गतिविधियां पूरी तरह से सुनियोजित कहानी की तरह हैं.
16 मई – बाबूलाल मरांडी, दीपक प्रकाश और अर्जुन मुंडा ये तीनों त्रिमूर्ति मिलकर रघुवर दास को जेल भेजने की तैयारी में हैं. इनका प्लान दिल्ली में बना था. तीनों नेता एक साथ दिल्ली गये थे और एक साथ वापस लौटे. वहां त्रिमूर्ति ने यह तय किया कि रघुवर दास को कैसे जेल भेजा जाए.
12 मई – अब छत्तीसगढ़ का रहने वाला तय कर रहा है कि झारखंड का जनजाति कौन होगा, कौन नहीं होगा. 5 साल मुख्यमंत्री रहते हुए रघुवर दास केवल जमीन का दस्तावेज लेकर लहराते रहे, लेकिन उन्होंने कभी कोई कार्रवाई नहीं की. रघुवर दास बोलते हैं कि उन्होंने आईएएस पूजा सिंघल को कभी क्लीनचिट नहीं दी, बल्कि उनके अधिकारियों ने दिया, तो रघुवर दास को अपने प्रेस वार्ता में यह भी बताना चाहिए कि उनके अधिकारियों ने किसके निर्देश पर पूजा सिंघल को क्लीन चिट देने का काम किया था.
9 मई – सरकार पर सवाल उठाने वाले बाबूलाल मरांडी आखिर कहां हैं. इसी तरह पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास भी गायब हो गये हैं. सूत्रों से खबर मिली है कि दोनों नेताओं और उनकी टीम का मोबाइल बंद आ रहा है. दो दिनों से मनरेगा मामले में ईडी की कार्रवाई चल रही है, तब से बीजेपी के दोनों नेता कहीं गुम हो गये हैं. यह बहुत चिंता की बात है.
8 मई – ईडी द्वारा गिरफ्तार सीए सुमन कुमार पर मनौवैज्ञानिक दबाव बनाया जा रहा है. दबाव में उनसे कहने को कह जा रहा है कि वे इस बात को स्वीकार करें कि जब्त करोड़ों का पैसा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का है.
7 मई – मनरेगा घोटाले में खान सचिव पूजा सिंघल पर हुई ईडी की कार्रवाई को हेमंत सरकार के कार्यकाल से जोड़कर बीजेपी नैरेटिव सेट करने की कोशिश कर रही है. पूजा सिंघल पर कार्रवाई 2008-09 में दर्ज मनरेगा घोटाला मामले में हुई है. ईडी की कार्रवाई हेमंत सरकार के ढाई साल के कार्यकाल में हुई, किसी मामले में नहीं हुई है. लेकिन बीजेपी राज्य में यह माहौल तैयार करने की कोशिश कर रही है कि हेमंत सरकार के कार्यकाल के दौरान हुए किसी भ्रष्टाचार का परिणाम है.
इसे भी पढ़ें – लेखा-जोखा॥ मई में कांग्रेस के 16 बड़े बयान, पढ़िए- राजेश ठाकुर, आलमगीर और रामेश्वर ने क्या-क्या कहा