Ranchi: भ्रष्टाचार, राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप और राज्यसभा चुनाव को लेकर मई का महीना झारखंड में बहुत गर्म रहा. पूरे महीने बीजेपी को सरकार को घेरने के लिए मुद्दे पर मुद्दे मिलते रहे. आईएस पूजा सिंघल प्रकरण को लेकर बीजेपी मुखर रही. प्रदेश बीजेपी के 3 बड़े नेता विपक्ष को निशाने पर लेते रहे. बीजेपी नेताओं ने आरोप लगाया कि हेमंत सरकार भ्रष्टाचारियों को संरक्षण दे रही है. प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में भी लाए गए राजनीतिक प्रस्ताव में हेमंत सरकार ही केंद्र में रही. मई महीने के 31 दिन में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश, विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास के दिए 34 बड़े बयानों को पढ़िए.
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दीपक प्रकाश ने मई महीने में क्या-क्या कहा
28 मई- हेमंत सरकार में भ्रष्ट नौकरशाहों ने सत्ता शीर्ष में बैठे लोगों के साथ मिलकर राज्य को लूटने का काम किया है. हम सब मिलकर रावण राज को खत्म करेंगे.
25 मई- कांग्रेस पार्टी अपने साथी झामुमो से कुर्सी के लिये त्याग-बलिदान की बात कर रही है, लेकिन झारखंड को लूटने और लुटवाने में दोनों पार्टियां शामिल हैं.
17 मई- हेमंत राज में जमीन के साथ जमीर भी लूटी जा रही है. प्रदेश से रावणराज मिटाने के लिये, राम (बीजेपी) की मजबूत सेना बननी चाहिए.
15 मई- झारखंड में तंत्र पर भ्रष्टाचार पूरी तरह हावी हो चुका है. राज्य में चारों तरफ भ्रष्टाचार की दुर्गंध आ रही है. राज्य में लगातार पड़ रहे ईडी की छापेमारी से कई चेहरे बेनकाब हुए हैं.
13 मई- मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन संवैधानिक पद पर बैठकर असंवैधानिक बयान दे रहे हैं. भाजपा को जवाब देने का रूस और यूक्रेन से तुलना असंवैधानिक है.
11 मई- राज्य की जनता उम्मीद कर रही थी कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आज अपना राजधर्म निभाएंगे, लेकिन कैबिनेट की बैठक के बाद भी ईडी द्वारा गिरफ्तार पूजा सिंघल के निलंबन को लेकर फैसला नहीं लिया गया.
9 मई- पिछले ढाई वर्षों में साहेबगंज में पदस्थापित पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के संपत्ति की जांच हो, नहीं तो बीजेपी खुलासा करेगी.
7 मई- मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी सरकार भ्रष्टाचारियों के पीछे खड़ी है. कांग्रेस भी भ्रष्टाचार में बराबर की हिस्सेदार है. वह जिम्मेवारी से भाग नहीं सकती.
4 मई- राज्य सरकार की नाकामियों के कारण राज्य का पिछड़ा वर्ग पंचायत चुनाव में आरक्षण से वंचित हो गया. हेमंत सरकार चाहती तो आरक्षण देने की पहल कर सकती थी, लेकिन उसकी नीति और नियत दोनों साफ नहीं है.
1 मई- यह सरकार अपनी नाकामियों और विफलताओं से घिरी है. इस सरकार ने भ्रष्टाचार की सारी हदें पार कर दी है.
बाबूलाल मरांडी के मई में दिए गए बयान
30 मई- चारा घोटाला मामले में लालू यादव सीबीआई जांच रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट गये थे, लेकिन उन्हें जेल जाना पड़ा. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी वही इतिहास दोहरा रहे हैं.
29 मई- झारखंड में कमाऊ पदों पर भ्रष्ट अफसरों की कैसे पोस्टिंग होती थी? इसके बारे में लोग अब जांच एजेंसियों को जो जानकारी दे रहे हैं, वह हैरान करने वाला है. सीएम को सर्वाधिक महत्वपूर्ण रांची में डीसी पद के लिये ऐसे “दाग़दार” अफ़सर की तलाश थी.
28 मई- हेमंत सोरेन ने आदिवासी के नाम पर राजनीति करके सत्ता प्राप्त किया, लेकिन आज एक भी आदिवासी उनके इर्द-गिर्द नहीं है. हेमंत सरकार में एक भी आदिवासी युवा को न माइंस मिला है ना कोई ठेकेदारी.
25 मई- जेएमएम ने जल,जंगल और जमीन एवं सीएनटी-एसपीटी के नाम पर आदिवासियों को बरगलाकर सत्ता हासिल किया. लेकिन सत्ता में बैठे और जेएमएम नेता दोनों हाथों से झारखंड को लूटने का काम कर रहे हैं.
23 मई- हेमंत सरकार बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों के संरक्षण में खड़ी है. घुसपैठियों के कारण जनसंख्या असंतुलन बढ़ा है. एनआरसी जरूरी है. राज्य सरकार सर्वे कराकर घुसपैठियों को चिन्हित करे.
22 मई- हेमंत सोरेन को कार्रवाई तो अपने चेले-चटियों और अपने कार्य क्षेत्र से ही शुरू करनी पड़ेगी. सबसे ज्यादा लूट तो साहिबगंज, पाकुड़ और दुमका में ही हुई है, जिसे सोरेन परिवार अपनी जागीर मानने की भूल करता रहा है.
21 मई- 28 महीने तक पत्थर, बालू, कोयला, ज़मीन-जायदाद का जो लूट किया और कराया उसका हेमंत हिसाब दें. माफिया तो उनके ही पाले हुए लोग नाक के नीचे बैठे हुए हैं. पापों का प्रायश्चित करें तो रातों-रात सारे माफिया जेल में होंगे.
19 मई- झारखंड की जनता देख रही है कि जिस राज्य में एक आईएएस अफसर के करीबियों के यहां से 20 करोड़ नगद और डेढ़ सौ करोड़ से ज़्यादा के ज़मीन-जायदाद मिल रहे हैं, उसकी जांच में अड़ंगा डालने के लिये सरकार क्या कुछ नहीं कर रही है.
18 मई- मुख्यमंत्री जी, आंख-कान खोलिये, सुनिये, देखिये. ये मेरी नहीं युवाओं की आवाज़ है. कौन है लुटेरों का सरगना? 28 महीने में ही संताल परगना का हुलिया बिगाड़ दिया आपने.
16 मई- राज्य में ग्रैंड माइनिंग की खूब चर्चा होती रही है, मुख्यमंत्री के भाई ने पाकुड़ में अवैध तरीके से माइनिंग कराई, पिछली सरकार में उनकी कंपनी पर जुर्माना लगा, जिसे आजतक जमा नहीं किया गया. इसके बाद नियमों को धता बताते हुए फारेस्ट लैंड में रास्ता बनाते हुए खदानों तक सड़क बनवा दिया.
15 मई- मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आपने चुनिंदा जगहों पर भ्रष्ट और बेईमान अफ़सरों को बैठाकर शासन नहीं बल्कि लूट का गिरोह चलाया. कोर्ट से जमानत प्राप्त एवं चार्जशीटेड आईएएस छवि रंजन को रांची का डीसी बनाकर जमीन लूट और आतंक का कीर्तिमान बनाया.
12 मई- मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भ्रष्ट अधिकारियों को संरक्षण देना पुरानी फितरत है. इसका प्रमाण उनके पहले कार्यकाल से दिखता रहा है. ये वैसे मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने श्री राजीव गौबा को मुख्य सचिव बनाने की जगह पशुपालन घोटाले में जेल गये स्व. सजल चक्रवर्ती या फिर सुधीर प्रसाद को मुख्य सचिव बनाया.
11 मई- आईएएस पूजा सिंघल की ईडी द्वारा गिरफ़्तारी की खबर उन कुछ नौकरशाहों के लिये एक नसीहत है जो सत्ता पोषित भ्रष्टाचार में सहभागी बन कर न सिर्फ झारखंड के गरीबों को लूट कर मालामाल हो रहे हैं, बल्कि नियम-कानून को ठेंगे पर रखकर भयादोहन व आतंक का राज कायम किये हुए हैं.
10 मई- चर्चा है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भ्रष्टाचार से उत्पन्न संकट से कुछ दिनों तक जीवन दान दिलाने की कानूनी सहायता के बदले एक बाहरी नामी व्यक्ति ने राज्य सभा सीट की मांग कर दी है.
8 मई- अजीब इत्तफाक है. 20 करोड़ नगद भ्रष्ट आईएएस पूजा सिंघल के गुर्गे के घर से ईडी निकालती है, बेशुमार धन-दौलत पूजा का निकलता है और पेट में दर्द झारखंड मुक्ति मोर्चा को हो रहा है.
7 मई- मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन में थोड़ी भी नैतिकता होती तो वे गरीबों की गाढ़ी कमाई लूटने व धन-दौलत का पहाड़ बनाकर भ्रष्टाचार मामले में पूरी दुनिया में झारखंड की नाक कटवाने वाली आईएएस पूजा सिंघल को अब तक निलंबित कर एक संदेश देने का काम करते.
4 मई- नवीनतम शराब ठेकेदारों के फायदे कि लिए रोज शर्तें बदल कर सहूलियत दी जा रही है. जिस राज्य की व्यवस्था ठेकेदार और दलालों के शर्तों पर चले उसका भगवान ही मालिक है और उसे बर्बादी से कौन बचा सकता है?
2 मई- चर्चा है कि पंजाब कैडर के एक आईएएस अधिकारी पिछले क़रीब डेढ़ साल से छुट्टी लेकर झारखंड में विराजमान हैं और बाक़ायदा मुख्यमंत्री कार्यालय में बैठकर “धनार्जन” वाली फाइलों का मूवमेंट कराते हैं.
मई में रघुवर दास ने क्या-क्या कहा
30 मई- झूठ बोलने की भी सीमा होती है मुख्यमंत्री जी. दिल्ली में इसलिए प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे हैं ताकि सफेद झूठ बोल सकें और पकड़ा न सके. राज्य का बेरोजगार आपका झूठ सुन रहा है. आपने न रोजगार दिया, न बेरोजगारी भत्ता. जिन्हें रोजगार मिला था उन्हें भी आप बेरोजगार कर रहे हैं.
28 मई- हेमंत सरकार चुनावी वादे को पूरा करने में पूर्णतः विफल रही है. झारखंड कि संस्कृति को विदेशियों के हवाले किया जा रहा है. भ्रष्टाचार में हेमंत सरकार आकंठ डूब गयी है. भ्रष्ट मुख्यमंत्री हेमंत से जनता का मोहभंग हो गया है.
23 मई- झारखंड में सरकारी संरक्षण में पिछले दो साल में अवैध खनन और माफियाओं का बोलबाला रहा है. वहीं हेमंत सरकार की कुनीतियों के कारण उद्योग और उद्योगपति झारखंड से दूर हुए हैं. देख कर बुरा लग रहा है कि झारखंड एक बार फिर भ्रष्टाचार की खबरों के कारण देशभर में चर्चा में है.
21 मई- दीपावली पर पीएम मोदी ने पेट्रोल पर 6 रुपये और डीजल पर 12 रुपये की राहत दी थी. भाजपा की राज्य सरकारों ने भी कीमतों में कमी की थी, लेकिन झारखंड की हेमंत सरकार ने कीमतों में कमी नहीं की थी. हेमंत जी आप भी महंगी गाड़ियों का शौक त्याग कर जनता को राहत दीजिए.
15 मई- प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर झारखंड में विकास कार्य सरकारी संरक्षण में चल रहे भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है. आमतौर पर सरकार के पास पैसे की कमी नहीं होती है, लेकिन झारखंड में स्थिति इसके उलट हो गई है. झारखंड में राजस्व का प्रमुख स्रोत खनिज रहे हैं. लेकिन राज्य की हेमंत सरकार कोयला, बालू, पत्थर आदि को खुद लुटवा रही है.
12 मई- शिबू सोरेन की राजनीतिक हत्या का काम करने वाले आज आदिवासी होने की दुहाई दे रहे हैं.
मुख्यमंत्री जी को खुली बहस की चुनौती देता हूं कि आएं और बताएं कि उन्होंने आदिवासियों के लिए क्या किया और हम बताएंगे कि भाजपा सरकार ने आदिवासियों के लिए क्या किया.
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