NewDelhi : सोनिया गांधी और राहुल गांधी को नेशनल हेराल्ड केस में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा बुलावा भेजा गया है. कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी और रणदीप सुरजेवाला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह दावा किया है. अभिषेक मनु सिंघवी के अनुसार ईडी ने राहुल को 2 जून और सोनिया को 8 जून को पूछताछ के लिए तलब किया है.
LIVE: Congress Party Briefing by Shri @rssurjewala & Dr. @DrAMSinghvi, at the AICC HQ.
https://t.co/vlBPiLqQj3— AICC Communications (@AICCMedia) June 1, 2022
नोटिस से डरेंगे नहीं, झुकेंगे नहीं
रणदीप सुरजेवाला ने ताल ठोकते हुए कहा, वे लोग इस नोटिस से डरेंगे नहीं, झुकेंगे नहीं और सीना ठोक कर लड़ेंगे. सिंघवी ने जानकारी दी कि 8 जून को सोनिया गांधी पूछताछ में शामिल होंगी. सिंघवी ने कहा, राहुल अभी विदेश में हैं. अगर वह वापस आ गये तो ईडी कार्यालय जायेंगे. वरना ईडी से और समय मांगा जायेगा.
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नोटिस को कोर्ट के सामने चैलेंज कर सकते हैं
जानकारों के अनुसार अगर सोनिया और राहुल ईडी के सामने पेश नहीं होना चाहते तो उनके पास दो ऑप्शन हैं. पहला वे नोटिस का जवाब दिये बिना छोड़ सकते हैं. इस स्थिति में ईडी उनको दोबारा नोटिस भेजेगी. वहीं दूसरा ऑप्शन यह है कि वे इस नोटिस को कोर्ट के सामने चैलेंज करें. प्रेस कॉन्फ्रेंस में रणदीप सुरजेवाला ने ईडी पर हल्ला बोला. आरोप लगाया कि इस पूरी साजिश के पीछे पीएम हैं ईडी उनकी पालतू एजेंसी है.
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मोदी सरकार बदले की भावना में अंधी हो गयी है
सुरजेवाला ने कहा कि मोदी सरकार बदले की भावना में अंधी हो गयी है. उन्होंने ईडी के नोटिस को नयी कायराना हरकत करार दिया. सुरजेवाला ने कहा कि नेशनल हेराल्ड 1942 का अखबार था. उस वक्त ब्रिटिश सरकार ने इसे दबाने का काम किया था. अब मोदी सरकार ईडी का इस्तेमाल कर ऐसा कर रही है.
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नेशनल हेराल्ड आय के अभाव में कर्ज चुकाने में सक्षम नहीं था
कांग्रेस ने साल 1937 में स्थापित नेशनल हेराल्ड अखबार चलाने वाली कंपनी, एसोशिएटेड जर्नल्स लिमिटेड को लगभग 10 साल में, लगभग 100 किश्तों में चेक द्वारा अपनी देनदारी के भुगतान के लिए 90 करोड़ की राशि दी. इस राशि में से 67 करोड़ का इस्तेमाल नेशनल हेराल्ड ने अपने कर्मचारियों की बकाया सैलरी देने में किया. बाकी पैसा बिजली भुगतान, किराया, भवन आदि पर खर्च किया गया.
नेशनल हेराल्ड अखबार आय के अभाव में कर्ज चुकाने में सक्षम नहीं था, इसलिए इसकी एवज़ में असोशिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के शेयर यंग इंडिया को दे दिये गये थे. जो कि कानून में एक नॉट फॉर प्रॉफ़िट कंपनी है. मतलब यंग इंडिया की मैनेजिंग कमिटी के सदस्य (सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मोती लाल वोहरा) थे. ये लोग किसी प्रकार का मुनाफ़ा, डिवीडेंड, तनख़्वाह या कोई वित्तीय फ़ायदा इससे नहीं ले सकते थे.
मैनेजिंग कमिटी यंग इंडिया के शेयर को नहीं बेच सकती थी
साथ ही मैनेजिंग कमिटी यंग इंडिया के शेयर को भी नहीं बेच सकती थी. यानी यंग इंडिया से एक पैसे का न तो वित्तीय लाभ लिया जा सकता था, और न ही इसके शेयर को बेचा जा सकता था. कांग्रेस ने कहा कि ऐसा इसलिए था क्योंकि पार्टी नेशनल हेराल्ड, एसोशिएटेड जर्नल्स लिमिटेड और यंग इंडिया को केवल कांग्रेस पार्टी नहीं, बल्कि देश की धरोहर मानते हैं.
2013-14 में सुब्रमण्यम स्वामी ने कांग्रेस पार्टी द्वारा नेशनल हेराल्ड को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा कर्ज देने को लेकर एक प्राईवेट कंप्लेंट अदालत में दायर की, जो आज भी विचाराधीन है. कांग्रेस का कहना है कि याचिका को लेकर झूठ बोला गया.कांग्रेस के अनुसार कोर्ट में कुछ नहीं होने पर अब साढ़े सात साल के बाद ED द्वारा उस प्राईवेट कंप्लेंट के आधार पर केस दर्ज किये गये हैं.