सुखाड़ को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आपदा प्रबंधन प्राधिकार की बैठक की, अधिकारियों को दिए कई निर्देश
मुख्यमंत्री बोले- राज्य भर में एक लाख नए कुआं और एक लाख तालाब बनाए जाएंगे
Ranchi: राज्य में बन रही सुखाड़ की स्थिति को देखते हुए हेमंत सोरेन सरकार अब ग्रामीण इलाकों में रोजगार सृजन, खाद्य सुरक्षा और सही समय पर पेंशन भुगतान देने पर जोर दे रही है. रोजगार सृजन को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने निर्देश दिया है कि राज्य के हर गांव में कम से कम पांच-पांच नई योजनाएं शुरू की जाए. ऐसा कर हम रोजगार सृजन करने के साथ-साथ पलायन को रोक पाएंगे. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि सुखाड़ जैसे हालात में खाद्यान्न, पेयजल और पशु चारा की कमी नहीं हो, इसे ध्यान में रखते हुए योजनाओं को बनाएं. साथ ही योजना के क्रियान्वयन पर मॉनिटरिंग भी हो. मुख्यमंत्री सोमवार को सुखाड़ को लेकर आपदा प्रबंधन प्राधिकार की बैठक कर रहे थे.
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“संबंधित विभाग समन्वय बनाकर योजनाएं बनाएं”
मुख्यमंत्री ने सभी विभागों को आपसी समन्वय से सुखाड़ जैसे हालात से निपटने के लिए 2000 से 2,500 करोड़ रुपए तक की योजना बनाने का निर्देश दिया. उन्होंने सभी योजनाओं की जियो टैगिंग करने का भी निर्देश दिया. सूखे की स्थिति को देखते हुए पूरे राज्य में एक लाख नए कुआं और एक लाख तालाब बनाए जाएं. सुखाड़ के मद्देनजर मनरेगा के तहत कच्चे कार्यों पर लगी रोक को हटाने का निर्देश दिया ताकि ग्रामीण इलाकों में कच्ची सड़कों, तालाब, खेतों में मेढ़, जलकुंड और जल स्रोतों का गहरीकरण इत्यादि का काम शुरू किया जा सके. इससे ग्रामीण इलाकों में लोगों को रोजगार के ज्यादा से ज्यादा अवसर मिलेंगे. मुख्यमंत्री ने मनरेगा के तहत ज्यादा से ज्यादा मानव कार्य दिवस सृजित करने का भी निर्देश दिया.
हर महीने की 5 तारीख तक सामाजिक सुरक्षा पेंशन का वितरण सुनिश्चित हो.
सामाजिक सुरक्षा पेंशन समय पर मिले- सीएम
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि सुखाड़ जैसे हालात में सामाजिक सुरक्षा पेंशन के लाभुकों को किसी तरह की परेशानी नहीं होनी चाहिए. उन्होंने लाभुकों के बीच हर माह की 5 तारीख तक पेंशन वितरण को सुनिश्चित करने को कहा. सूखे जैसी स्थिति में खाद्य सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. लोगों को अनाज की किल्लत नहीं होनी चाहिए. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि 5 लाख नए राशन कार्ड जल्द से जल्द स्वीकृत की जाए. पीडीएस दुकानों से राशन का वितरण हर महीने सुनिश्चित हो. लोगों को राशन आसानी से उपलब्ध हो, इसका भी पूरा ध्यान रखा जाए.
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मुख्यमंत्री ने दिए कई अहम निर्देश
• गौ पालकों के लिए योजना बनाएं.
• ग्रामीण कृषि उत्पादों को बढ़ावा दें. उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराया जाए.
• सूखे के कारण अगर पेयजल संकट पैदा होता है तो टैंकर अथवा अन्य माध्यमों से पेयजल आपूर्ति की जाए.
• विद्यार्थियों के बीच समय पर छात्रवृत्ति वितरित किया जाए.
• सभी सरकारी और रैयती तालाबों का गहरीकरण कार्य शुरू किया जाए.
• मनरेगा के तहत मानव सृजन दिवस की गति को तेज किया जाए ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार मिल सके.
• लघु सिंचाई परियोजनाओं के जीर्णोद्धार का कार्य शुरू करें ताकि इसकी वाटर स्टोरेज कैपेसिटी बढ़ाने के साथ मछली पालन को बढ़ावा मिल सके.
उच्चस्तरीय बैठक में मंत्री-अधिकारी रहे मौजूद
उच्च स्तरीय बैठक में स्वास्थ्य एवं आपदा प्रबंधन मंत्री बन्ना गुप्ता और कृषि मंत्री बादल, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, विकास आयुक्त अरुण कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, वित्त विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह, खाद्य आपूर्ति विभाग की प्रधान सचिव हिमानी पांडेय, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, ग्रामीण विकास विभाग के सचिव मनीष रंजन, कृषि पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के सचिव अबू बकर सिद्दीकी, महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव केएन झा, आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव डॉ अमिताभ कौशल, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के सचिव प्रशांत कुमार, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव राजेश कुमार शर्मा और कृषि निदेशक निशा उरांव मौजूद रहे.