LagatarDesk : हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद अडानी ग्रुप पर निवेशकों का भरोसा डगमगाया है. अडानी ग्रुप को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा. ग्रुप को काफी नुकसान भी झेलना पड़ा. अडानी ग्रुप अब मार्केट में जबरदस्त वापसी और निवेशकों का भरोसा जीतने में लगा है. अडानी ग्रुप ने समय से पहले 2.15 अरब डॉलर का कर्ज (मार्जिन लिंक्ड शेयर बैक्ड फाइनेंसिंग) चुका दिया. अडानी ग्रुप के लिए इस राशि का भुगतान करने के लिए 31 मार्च तक डेडलाइन थी. (पढ़ें, ऑस्कर में भारत ने लहराया परचम, नाटू नाटू को मिला बेस्ट ऑरिजनल सॉन्ग का अवॉर्ड)
अंबुजा सीमेंट के अधिग्रहण में लिये गये 50 करोड़ डॉलर का भी प्री-पेमेंट किया
साथ ही अंबुजा सीमेंट के अधिग्रहण में लिये गये 500 मिलियन डॉलर (50 करोड़ डॉलर) का भी प्री-पेमेंट कर दिया. ग्रुप का कहना है कि ये कदम इक्विटी योगदान को बढ़ाने के प्रमोटर्स के वादे को पूरा करने की दिशा में किया गया है. बता दें कि प्रमोटर्स ने अंबुजा और एसीसी के लिए 6.6 अरब अमेरिकी डॉलर के कुल अधिग्रहण मूल्य में से 2.6 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश किया है.
6 सप्ताह के भीतर अडानी ग्रुप ने 2.65 बिलियन अमेरिकी डॉलर प्री-पेमेंट किया
अडानी ग्रुप ने हाल ही बताया था कि उसने समूह की चार कंपनियों में शेयरों को गिरवी रखकर लिये गये 7,374 करोड़ का कर्ज चुका दिया है. अब यह बढ़कर 2.15 अरब डॉलर हो गया है. 6 सप्ताह के भीतर अडानी ग्रुप ने 2.65 बिलियन अमेरिकी डॉलर का पूरा प्री-पेमेंट कर दिया. हालांकि अडानी समूह ने ऋण चुकाने के लिए पैसे के स्रोत का विवरण नहीं दिया है. यह प्रमोटर्स द्वारा चार सूचीबद्ध कंपनियों में अल्पांश हिस्सेदारी अमेरिका स्थित जीक्यूजी पार्टनर्स को 15,446 करोड़ में बेचने के कुछ दिनों के भीतर आया है.
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हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप का एमकैप 100 अरब डॉलर से नीचे पहुंचा
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप को भारी नुकसान हुआ है. हर दिन गौतम अडानी को करीब 3 अरब डॉलर का नुकसान उठाना पड़ रहा था. शेयरों की कीमतें गिरने के कारण अडानी ग्रुप का मार्केट कैपिटलाइजेशन भी गिरकर 100 अरब डॉलर के नीचे पहुंच गया था. इस रिपोर्ट के कारण निवेशकों के सेंटिमेंट पर पड़े विपरीत प्रभाव ने उनके हाथ से डीबी पावर, पीटीसी इंडिया और ओरियंट सीमेंट के साथ हुई डील भी छीन लीं. यही नहीं उन्हें अपना 20,000 करोड़ रुपये का फॉलो ऑन पब्लिक ऑफर भी वापस लेना पड़ा.
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