New Delhi : अडानी-हिंडनबर्ग मामले में आज शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अडानी ग्रुप पर जांच के लिए छह सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया था. इस समिति को दो माह के अंदर अपनी रिपोर्ट देने के लिए कहा गया था. खबर है कि समिति ने 8 मई को सुप्रीम कोर्ट में सीलबंद कवर में अपनी रिपोर्ट दाखिल कर दी . कोर्ट में फाइल की गयी यही रिपोर्ट आज CJI डीवाई चंद्रचूड़ के समक्ष रखी गयी. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
Adani-Hindenburg row: SC to now hear SEBI’s plea for extension on Monday
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— ANI Digital (@ani_digital) May 12, 2023
सुनवाई के क्रम में न्यायालय ने कहा कि वह अडानी समूह द्वारा शेयरों की कीमतों में हेराफेरी के आरोपों तथा विनियामकीय खुलासे में चूक की जांच पूरी करने के लिए सेबी को और तीन महीने का समय देने पर विचार कर सकता है. यह कहते हुए न्यायालय ने विभिन्न जनहित याचिकाओं और बाजार नियामक की याचिका को 15 मई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया. भारत के सॉलिसिटर जनरल एसजी मेहता ने कहा था कि सेबी जांच के लिए और समय चाहती है. श्री मेहता ने कहा कि सेबी को कम से कम 6 माह का समय और चाहिए.
CJI डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा तथा न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की पीठ ने कहा कि अदालत की रजिस्ट्री को इस मुद्दे पर सर्वोच्च अदालत द्वारा नियुक्त न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) एएम सप्रे समिति की रिपोर्ट मिली है और समिति के तथ्यों पर गौर करने के बाद वह इस मामले पर सोमवार को सुनवाई करना चाहेगी.. पीठ ने कहा,इस बीच हमें रिपोर्ट पर गौर करना होगा. हम इस मामले की 15 मई को सुनवाई करेंगे.
पीठ ने कहा, आरोप लगाते समय आप सावधानी बरतें..
खबर है कि सुनवाई के दौरान, पीठ ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि वह जांच पूरी करने के लिए बाजार नियामक को छह महीने के बजाय तीन महीने का समय दे सकती है. याचिकाकर्ता जया ठाकुर की ओर से पेश एक वकील को आगाह करते हुए पीठ ने कहा कि इस अदालत ने सेबी की ओर से किसी नियामक नाकामी के बारे में कुछ नहीं कहा है. पीठ ने कहा, ‘आरोप लगाते समय आप सावधानी बरतें.. इससे शेयर बाजार की धारणा पर असर पड़ सकता है.. यह सभी आपके आरोप हैं और इनकी जांच के लिए समिति का गठन किया गया है
अडानी ग्रुप की कंपनियों को 80 फीसदी ओवरवैल्यूड बताया गया
अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग ने 24 जनवरी 2023 को अडानी समूह के खिलाफ रिपोर्ट जारी की थी. आरोप लगाया गया था कि अडानी ग्रुप हेरफेर कर शेयरों के दाम बढ़ाता है. रिपोर्ट में अडानी समूह पर गंभीर आरोप लगाये गये थे. रिपोर्ट में अडानी ग्रुप की कंपनियों को 80 फीसदी ओवरवैल्यूड बताया गया था. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के आते ही भारी हंगामा मच गया था. अडानी ग्रुप के शेयर लगातार गोता लगाते रहे. उधर सड़क से संसद तक विपक्ष ने हंगामा मचाना शुरू कर दिया. अंतत : यह मामला सुप्रीम कोर्ट की चौखट तक जा पहुंचा.