NewDelhi : हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों के बाद अडानी समूह के शेयरों में हाल में आयी गिरावट पर दाखिल जनहित याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने आज गुरुवार को अपना फैसला सुनाया. CJI डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा तथा न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की पीठ ने शेयर बाजार के लिए मौजूदा नियामक उपायों को मजबूत करने के मकसद से विशेषज्ञों की एक समिति गठित करने के संबंध में फैसला सुनाया.
SC sets up expert committee on the issue arising out of Hindenburg report. Retd judge Justice AM Sapre will head the committee.
SC was hearing petitions pertaining to Hindenburg report incl on constitution of committee relating to regulatory mechanisms to protect the investors. pic.twitter.com/N1FlBWgpwo
— ANI (@ANI) March 2, 2023
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने छह सदस्यीय विशेषज्ञ कमेटी गठित की है. इसके अध्यक्ष पूर्व न्यायाधीश एएम सप्रे होंगे.
कमेटी में एएम सप्रे के अलावा ओपी भट, न्यायमूर्ति जेपी देवदत्त ,नंदन नीलेकणि , केवी कामथ और सोमसेखरन सुंदरसन शामिल किये गये हैं. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि SEBI इस मामले में जांच जारी रखेगी . वह 2 माह में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.
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पीठ ने कहा था, वह निवेशकों के संरक्षण के लिए पारदर्शिता चाहती है
पहले कोर्ट ने 17 फरवरी को फैसला सुरक्षित रखते हुए प्रस्तावित विशेषज्ञ पैनल पर केंद्र के सुझाव को सीलबंद लिफाफे में स्वीकार करने से इनकार कर दिया था. पीठ ने कहा कि वह निवेशकों के संरक्षण के लिए पूरी पारदर्शिता चाहती है. कोर्ट ने प्रस्तावित समिति के कामकाज पर किसी सेवारत न्यायाधीश के निगरानी रखने की संभावना को भी खारिज कर दिया था. इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में अब तक चार जनहित याचिकाएं दायर की गयी हैं.
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अडानी समूह नेअपने खिलाफ लगाये गये आरोपों को खारिज किया है
वकील एमएल शर्मा, विशाल तिवारी, कांग्रेस नेता जया ठाकुर और खुद को सामाजिक कार्यकर्ता बताने वाले मुकेश कुमार ने याचिकाएं दायर की हैं. जान लें कि हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा अडानी समूह के खिलाफ कई आरोप लगाये जाने के बाद, समूह के शेयरों की कीमतों में काफी गिरावट आयी है. हालांकि, समूह ने उसके खिलाफ लगाये गये आरोपों को खारिज किया है.