Ranchi : राज्यसभा हॉर्स ट्रेडिंग मामले में निलंबित चल रहे एडीजी अनुराग गुप्ता को विभागीय जांच में क्लीन चिट मिल गई है. जांच के दौरान अनुराग गुप्ता के खिलाफ कोई ठोस साक्ष्य नहीं मिला है. विभागीय कार्रवाई संचालन पदाधिकारी डीजी एमवी राव (सेवानिवृत्ति) ने बीते 30 सितंबर से पहले राज्य सरकार को अपनी अंतिम रिपोर्ट सौंप दी थी. इस रिपोर्ट में एडीजी अनुराग गुप्ता के विरुद्ध कोई ठोस साक्ष्य नहीं मिलने के कारण उन्हें क्लीन चिट दे दी गई है. अब डीजी एमवी राव की रिपोर्ट की राज्य सरकार समीक्षा करने के बाद अंतिम निर्णय लेगी. अदालत में इस मामले पर सुनवाई जारी है.
ये थे आरोप
बता दें कि 2016 में हुए राज्यसभा चुनाव के दौरान भाजपा के प्रत्याशी के पक्ष में वोट नहीं देने के लिए उस वक्त बड़कागांव से कांग्रेस विधायक निर्मला देवी के पति योगेंद्र साव पर प्रलोभन देने और दबाव डालने का आरोप लगा था. . इस मामले से जुड़ी सीडी बाबूलाल मरांडी ने सार्वजनिक किया था और उन पर कार्रवाई की मांग की थी. इस आरोप में राज्य सरकार ने 14 फरवरी 2020 को उन्हें निलंबित कर दिया था. तब वे सीआइडी के एडीजी थे.
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2018 में दर्ज हुई थी एफआईआर
निर्वाचन आयोग की जांच के बाद अनुराग गुप्ता के खिलाफ 2018 में जगन्नाथपुर थाने में एफआईआर दर्ज हुआ था. पिछले लोकसभा चुनाव के वक्त अनुराग गुप्ता पुलिस मुख्यालय में एडीजी के पद पर थे जिसके खिलाफ विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग से शिकायत करते हुए अंदेशा जताया था कि उनके इस पद पर रहने से चुनाव प्रभावित हो सकता है. इसके बाद चुनाव आयोग ने उन्हें झारखंड छोड़ने का आदेश दिया था.
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