- निर्माण नियम के विरुद्ध, आरटीआई कार्यकर्ता ने मांगी जानकारी
Adityapur (Sanjeev Mehta) : आदित्यपुर के वार्ड नंबर 17 में आवास बोर्ड की आवंटित एचआईजी प्लॉट पर नियम कानून को ताक पर रखकर बहुमंजिला कॉमर्शियल बिल्डिंग का निर्माण कराया जा रहा है. आवास बोर्ड की आवासीय पर्पस की जमीन पर बहुमंजिला बिल्डिंग का निर्माण को लेकर जहां आसपास के लोगों में रोष है वहीं भारी पेयजल की समस्या से जूझ रहे इस वार्ड के लोगों में इस बात की चिंता है कि आखिर इस बहुमंजिला कॉमर्शियल बिल्डिंग के लिए पानी की व्यवस्था क्या होगी? अगर डीप बोरिंग कराया गया तो आसपास के लोगों के नॉर्मल बोरिंग सूख जाएंगे और उन्हें पेयजल की किल्लत हो जाएगी.
इसे भी पढ़ें : मंत्री आलमगीर आलम को कोर्ट में किया गया पेश, ED ने फिर मांगी रिमांड
वहीं आवास बोर्ड के प्लॉट पर इस तरह के कॉमर्शियल बिल्डिंग निर्माण को लेकर आरटीआई कार्यकर्ता प्रो. सुरेंद्र कुमार महतो ने सूचना के अधिकार के तहत आवश्यक जानकारी भी मांगी है. उन्होंने लिखा है कि वार्ड 17 अन्तर्गत न्यू हाउसिंग कॉलोनी, एचआईजी – 252 (शिव काली मंदिर के ठीक सटे पश्चिम कॉर्नर पर) पर जो किसी व्यक्ति व्यक्ति के नाम पर झारखंड राज्य आवास बोर्ड द्वारा आवंटित है. इस भूखंड पर वर्तमान में जी प्लस 5 का एक बहुमंजिली आवासीय फ्लैट्स सह व्यवसायिक इमारत का निर्माण कराया जा रहा है, का आदित्यपुर निगम द्वारा अनुमोदित भवन प्लान एवम बिल्डिंग परमिट की सत्यापित प्रतिलिपि उपलब्ध कराई जाय.
इसे भी पढ़ें : नौसेना प्रमुख एडमिरल त्रिपाठी ने अपने अधिकारियों से कहा, हर समय युद्ध के लिए तैयार रहें…
वहीं उन्होंने यह भी जानकारी मांगा है कि इस बहुमंजिली भवन हेतु इस भूखंड के क्रेता एवम आवास बोर्ड के बीच किए गए एग्रीमेंट की सत्यापित प्रतिलिपि भी उपलब्ध कराई जाय. साथ ही प्रो. एस के महतो ने आवास बोर्ड द्वारा इस भूखंड एचआईजी -252 पर बहुमंजिली आवासीय – सह- व्यवसायिक भवन के निर्माण हेतु निर्गत अनापत्ति प्रमाणपत्र की सत्यापित प्रतिलिपि भी उपलब्ध कराने की मांग की है.
इसे भी पढ़ें : कोलकाता : ममता बनर्जी की टिप्पणी के विरोध में 24 मई को साधु निकालेंगे रैली
उन्होंने सभी वांछित सूचनाएं सूचना अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 8 एवम 9 के अन्तर्गत मांगी है. बता दें कि आदित्यपुर में धड़ल्ले से आवासीय प्लॉट पर कॉमर्शियल बिल्डिंग का निर्माण आवास बोर्ड के कर्मचारियों की मिलीभगत से निरंतर जारी है. जिसके वजह से आवास बोर्ड के मूल ढांचे का अस्तित्व ही मिट सा गया है. यहां मूल ढांचे को निरस्त कर उसके जगह पर बहुमंजिला बिल्डिंग बनाकर करोड़ों का बिजनेस किया जा रहा है, जिसे देखने या रोकने वाला कोई नहीं है. इस तरह के अवैध बिल्डिंग निर्माण से कॉलोनी के आसपास की बड़ी आबादी को कई तरह की परेशानियों से दो चार होना पड़ रहा है.