Adityapur : सरायकेला-खरसावां जिले के उपायुक्त अरवा राजकमल शनिवार को ऑटो क्लस्टर गम्हरिया में आयोजित एक विशेष बैठक में शामिल हुए. बैठक में उपायुक्त अरवा राजकमल ने आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत रोड री-रेस्टोरेशन, वाटर सप्लाई एवं बिजली सप्लाई के लिए विभिन्न कंपनी द्वारा किए जा रहे कार्यों की प्रगति की समीक्षा की. इस दौरान उपायुक्त ने लंबित कार्यों को तिथि निर्धारित कर पूर्ण करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि नगर निकाय क्षेत्र में निवास करने वाले वासियों को अधिक कठिनाइयों का सामना ना करना पड़े, इसके लिए मैनपावर बढ़ाते हुए जल्द से जल्द लंबित कार्य को पूर्ण करें. उन्होंने रेलवे स्टेशन रोड का काम सितंबर माह तक एवं पानी सप्लाई व बिजली सप्लाई के कार्य को नवंबर से दिसंबर माह तक पूर्ण करने के निर्देश दिए.
पूजा पंडाल और बाजार के क्षेत्र के कार्य पहले पूरा करें
बैठक के दौरान उपायुक्त ने हरिओम नगर, आशियाना, इमली चौक, गम्हरिया स्टेशन रोड इत्यादि में किए जा रहे कार्यों की बारी-बारी से समीक्षा की. उपायुक्त ने कहा कि ऐसे क्षेत्र जहां अधिक संख्या में लोग निवास कर रहे हैं या आसपास में मार्केट है, वहां निर्माण कार्य जल्द से जल्द पूरा करें. उपायुक्त ने कहा कि दशहरा पूजा को ध्यान में रखते हुए पूजा पंडाल या अधिक भीड़-भाड़ वाले मार्केट में लंबित कार्यों को प्राथमिकता के तौर पर पूरा करें, ताकि पूजा में किसी प्रकार की समस्या, दुर्घटना या अनहोनी का सामना ना करना पड़े.
पहले की तुलना में कार्य में प्रगति आई है: डीसी
उन्होंने कहा कि आदित्यपुर नगर निकाय क्षेत्र के लोगों की समस्याओं को देखते हुए लंबित कार्य को तय समय सीमा में पूरा करने के लिए संबंधित कंपनी के प्रतिनिधि एवं जिले के वरीय पदाधिकारी के साथ समीक्षा बैठक रखी गई है. बैठक का मुख्य उद्देश्य नगर निकाय क्षेत्र में निवास करने वाले वासियों के समस्याओं को दूर करते हुए विकास कार्यों में प्रगति लाना है. उपायुक्त ने कहा कि पूर्व के बैठक में दिए गए दिशा निर्देश के आलोक में कार्य में काफी प्रगति आई है. दुर्गा पूजा को देखते हुए आम जनों की समस्याओं को दूर करने के लिए शेष लंबित कार्य को जल्द से जल्द पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं.
बैठक में उपायुक्त के साथ आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र के अपर नगर आयुक्त गिरजा शंकर प्रसाद, अपर उपायुक्त सुबोध कुमार, अंचल अधिकारी गम्हरिया मनोज कुमार, एसएमपीओ नंदन उपाध्याय एवं क्षेत्र अंतर्गत कार्यरत संबंधित कंपनी के प्रतिनिधिगण शामिल रहे.