- कई अस्पताल और नर्सिंग होम एनजीटी के निर्देशों का कर रहे उल्लंघन
- 150 किलोमीटर दूर भेजते हैं बायो कचरा, भेजी जा रही नोटिस, होगी कार्रवाई
- 414 अस्पताल और 245 नर्सिंग होम बायो कचरा को भेजते हैं कॉमन इफ्यूलेंट ट्रीटमेंट प्लांट
Adityapur (Sanjeev Mehta) : आज भी कोल्हान के आधे अस्पतालों और नर्सिंग होम का बायो कचरा का प्रॉपर निष्पादन नहीं हो रहा है. प्रदूषण नियंत्रण पर्षद से जो आंकड़े मिले हैं वह चौंकाने वाले हैं. प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के क्षेत्रीय पदाधिकारी राम प्रवेश कुमार ने बताया कि कोल्हान में कुल सरकारी और गैर सरकारी 414 अस्पताल और नर्सिंग होम हैं, लेकिन वर्तमान में संग्रह किये गए आंकड़ों के अनुसार 245 अस्पताल व नर्सिंग होम ही अपना बायो कचरा कॉमन इफ्यूलेंट ट्रीटमेंट प्लांट में भेज रहे हैं.
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उन्होंने बताया कि यहां 2 कॉमन इफ्यूलेंट ट्रीटमेंट प्लांट हैं. पहला रामकी इंवायरो दुगनी सरायकेला और दूसरा बायो जेनेरिक रामगढ़ हजारीबाग में है. कोरोना काल से दुगनी सीईटीपी में 148 और रामगढ़ सीईटीपी में 97 अस्पताल व नर्सिंग होम बायो कचरा रेग्युलर भेज रहे हैं. प्रॉपर बायो कचरा निष्पादन नहीं करने में ज्यादा सरकारी अस्पताल शामिल हैं. वे फंड का रोना रोते हैं. इस प्रकार बायो कचरा के प्रॉपर डिस्पोजल करने में सरकारी अस्पताल ही पीछे हैं. इन्हें जब नोटिस भेजी जाती है तो सरकारी अस्पताल फंड की कमी का रोना रोते हैं. उन्होंने बताया कि एनजीटी का स्पष्ट निर्देश है कि सभी अस्पताल और नर्सिंग होम को अधिकतम 70 किलोमीटर की दूरी पर ही अवस्थित सीईटीपी में बायो कचरा का निष्पादन आवश्यक रूप से करना है.
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इसके वाबजूद 97 अस्पताल व नर्सिंग होम 150 किलोमीटर दूर रामगढ़ भेजते हैं, जबकि उन्हें सरायकेला स्थित दुगनी भेजनी है. उन्होंने इस संबंध में नोटिस जारी करने की बात कही है. उन्हें हर हाल में एनजीटी के निर्देशों का पालन करना सुनिश्चित करने की चेतावनी देने की बात कही है. साथ ही वैसे सरकारी अस्पताल जो अपना बायो कचरा इधर-उधर निष्पादित कर रहे हैं, उन्हें भी नोटिस भेजकर सीईटीपी में डिस्पोजल करना सुनिश्चित करने की चेतावनी देने की बात कही है.