- नेफ्रो प्लस का ईएसआईसी के साथ टाई अप हुआ समाप्त
- महीने में 12 डायलिसिस की जरूरत
- बाहर में लगेंगे 26 हजार प्रति माह
- ईएसआईसी की सुविधा वाले मजदूरों को 25 हजार से कम वेतन
Adityapur (Sanjeev Mehta) : ईएसआईसी आदित्यपुर में रेफरल के बाद किडनी मरीजों का डायलिसिस भी आज से बंद कर दिया गया है. जिससे किडनी मरीजों की स्थिति खराब हो गई है. मरीजों के आश्रित बताते हैं कि उन्हें अपने मरीजों का हर महीने 12 डायलिसिस कराने की जरूरत पड़ेगी, जिससे मरीजों को 26 हजार प्रति माह भरने पड़ेंगे. ईएसआईसी के अधीक्षक एमपी मिंज बताते हैं कि ईएसआईसी का डायलिसिस करने वाली नेफ्रो प्लस के साथ टाई अप समाप्त हो चुका है. उसे केन्द्र से सेवाएं समाप्त करने का आदेश मिला है.
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बता दें कि ईएसआईसी में वर्तमान में 70 मरीज डायलिसिस के हैं, जिन्हें सप्ताह में 3 बार डायलिसिस कराने जरूरत पड़ती है. अब प्रश्न उठता है कि ईएसआईसी में वैसे मजदूर बीमित हैं जिनका वेतन 25 हजार से कम है. अब वे कैसे बाहर में अपने मरीजों को डायलिसिस अफोर्ड कर सकेंगे? बता दें मार्च 2020 से गंभीर बीमारियों का रेफरल भी ईएसआईसी ने बंद कर रखा है.
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आदित्यपुर में तकरीबन 80 हजार बीमित मजदूर
ईएसआईसी आदित्यपुर में तकरीबन 80 हजार बीमित मजदूर हैं जिनका स्वास्थ्य सुविधा के लिए कर्मचारी राज्य बीमा आयोग के साथ बीमा है. इन बीमितो से हर माह करोड़ों रुपए ईएसआईसी को मिलते हैं. इसके बावजूद मजदूरों के स्वास्थ्य सुविधाएं में कटौती करना कहां तक जायज है. नेफ्रो प्लस ने आज अचानक नोटिस बोर्ड पर सूचना देकर कल से डायलिसिस की सुविधा बंद कर दी है. इस बात की सूचना डायलिसिस मरीज के परिजनों ने नगर पर्षद के पूर्व उपाध्यक्ष पुरेंद्र नारायण सिंह को दिया. जिसके बाद पुरेंद्र ने इसे अति आवश्यक बताते हुए तत्काल केंद्रीय श्रम नियोजन मंत्रालय के इस कदम को घातक बताया है और इस संबंध में तत्काल एक मेल मंत्रालय को भेजा भी है. साथ ही केंद्रीय श्रम एवं सामाजिक न्याय मंत्री भूपेंद्र यादव के सचिव से भी उन्होंने फोन पर बात की.
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ईएसआईसी के अधीक्षक को वैकल्पिक व्यवस्था करने को कहा
उन्होंने ईएसआईसी के अधीक्षक एमपी मिंज को तत्काल किडनी मरीजों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने को कहा है. चूंकि डायलिसिस कराने वाले मरीजों का इलाज प्रभावित होना उनके लिए जानलेवा साबित हो सकता है. ईएसआईसी के अधीक्षक एमपी मिंज मरीजों को ब्रह्मानंद अस्पताल और उमा अस्पताल जाने को कह रहे हैं, लेकिन मरीज के परिजन बताते हैं कि उमा अस्पताल में उचित सुविधा नहीं है जबकि ब्रह्मानन्द अस्पताल ने टाई अप खत्म होने को बात कही है. ऐसे में डायलिसिस के मरीज के परिजन असमंजस में हैं कि वे लोग कल से मरीज को लेकर कहां जाएंगे?
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ननि प्रशासक ने एस टाइप मैदान के सौंदर्यीकरण कार्य का लिया जायजा
- प्रशासक को स्थानीय लोगों ने सौंपा ज्ञापन
Adityapur (Sanjeev Mehta) : नगर निगम के प्रशासक आलोक कुमार ने मंगलवार को आदित्यपुर एस टाइप दुर्गा पूजा मैदान में चल रहे सौंदर्यीकरण कार्य का जायजा लिया. मौके पर स्थानीय लोगों ने उन्हें एक ज्ञापन सौंपा है. बता दें कि एस टाइप दुर्गा पूजा मैदान में पाथवे एवं सौंदर्यीकरण का काम चल रहा है. जिसका आज प्रशासक ने निरीक्षण किया. मौके पर सभी कॉलोनी वासी संजीव कुमार सिंह उर्फ बबुआ सिंह, मंजू ठाकुर, दिनेश सिंह उर्फ बबलू के नेतृत्व में प्रशासक का गुलदस्ता देकर अभिनंदन किया और एक ज्ञापन सौंपा.
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इसमें वाटर हार्वेस्टिंग करने, चारों कोना में हाई मास्क लाइट लगाने, और चारों तरफ छोटी बाउंड्री और एक सुंदर सा गेट का निर्माण के साथ मैदान का समतलीकरण करने की मांग शामिल है. प्रशासक ने सभी बातों को गौर से सुना और जल्दी ही इन सभी मांगों को ईस्टीमेट बनाकर पूरा करने का वचन दिया. मौके पर नीरू सिंह, रंजन उर्फ टूटू, ओम प्रकाश उर्फ सोनू, अनिल कुमार चौधरी, ललन सिन्हा, राजा घोष, हेमंत ठाकुर, अनिल कुमार आदि उपस्थित थे.