Adityapur (Sanjeev Mehta) : सरायकेला खरसावां जिले में लैम्पस से ऋण लेने वालों में इन दिनों खलबली मची हुई है. सभी लैंपस के बकायेदारों के विरुद्ध जिला सहकारिता पदाधिकारी ने कार्रवाई करते हुए बॉडी वारंट जारी करना शुरू किया है. सबसे अधिक गम्हरिया के 250 बकाएदारों को नोटिस भेजा गया है. जिनमें 36 आदित्यपुर के बकाएदार हैं जिनके विरुद्ध बॉडी वारंट जारी है, जिन्हें आदित्यपुर पुलिस तलाश रही है. बकाएदारों में एक (बजरंग सोनकर) की मौत हो चुकी है. बता दें कि लैंपस से ऋण लेकर बकायेदार वर्षों से कुंभकर्णी निद्रा में सोए हुए हैं. सहकारिता विभाग ने उन पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. नीलाम पत्र पदाधिकारी सह जिला सहकारिता पदाधिकारी ने सब बकायेदारों के विरुद्ध बॉडी वारंट जारी करते हुए कांड्रा, गम्हरिया और आदित्यपुर पुलिस को बकायेदारों की सूची सौंप कर कार्रवाई का आदेश दिया है.
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जेल की खानी पड़ेगी हवा
बकायेदारों पर बॉडी वारंट जारी होते ही वर्षों से ऋण लेकर चुकता नहीं करने वाले लाभुकों में खलबली मची हुई है. दूसरी ओर अपने जमा पैसे की वापसी के लिए प्रतिदिन लैंपस का चक्कर काटने वालों के मन में बॉडी वारंट जारी होते ही पैसे वापस मिलने की आस जग गई है, और उनमें खुशी की लहर देखी जा रही है. बॉडी वारंट जारी होते ही अब पुलिस बकायेदारों से लैंपस से लिया गया कर्ज ब्याज सहित वसूल कराएगी अन्यथा की स्थिति में सभी को जेल की हवा खानी पड़ेगी. बता दें कि कांड्रा लैंपस से सैकड़ों लाभुकों ने लगभग 10 से 15 वर्ष पूर्व ऋण के रूप में एक बड़ी राशि ली थी लेकिन बाद में उनके द्वारा ना तो किस्त के रूप में रकम वापसी की गई और ना ही ऋण चुकाने के प्रति बकायेदारों ने दिलचस्पी दिखाई.
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जिला सहकारिता पदाधिकारी ने उठाया कठोर कदम
लैंपस द्वारा कई बार उन्हें नोटिस देकर चेतावनी भी दी गई लेकिन इससे उन पर कोई असर नहीं हुआ. परिणाम यह रहा कि कांड्रा लैंपस की जमा पूंजी बकायेदारों द्वारा हजम कर ली गई और बकायेदारों ने लैंपस की लुटिया ही डुबो दी है. जबकि आदित्यपुर लैम्प्स में पूर्व के सहकारिता पदाधिकारी के द्वारा अपने सगे संबंधियों में बांटी गई ऋण की वजह से यहां के करीब 350 रोजमर्रा की व्यवसाय करने वाले लोगों के पैसे लैम्प्स के खाते में फंसे हुए हैं. वर्तमान में आदित्यपुर लैम्पस में ताला पड़ा है और अब सारा कामकाज गम्हरिया से हो रहा है. बता दें कि आदित्यपुर के छोटे छोटे व्यवसायी लैम्पस में खाता खुलवाकर लाखों रुपये भविष्य के लिए जमा किये थे जो अब फंस चुके हैं. इन सारी बातों को देखते हुए अब जिला सहकारिता पदाधिकारी ने कठोर कदम उठाते हुए ऋण लेने वालों के विरुद्ध कार्रवाई शुरू कर दी है. इससे बकायेदारों में खलबली मची हुई है.
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