Adityapur (Sanjeev Mehta) : आदित्यपुर के शिवा नर्सिंग होम सह डायग्नोस्टिक सेंटर में मंगलवार को एक 10 वर्षीय बच्ची आराध्याकी मौत के बाद परिजनों द्वारा नर्सिंग होम में की गई तोड़फोड़ और सड़क जाम मामले में परिजनों के बयान पर जहां आदित्यपुर पुलिस ने नर्सिंग होम के डॉ. अभिषेक पर गैर इरादतन हत्या की प्राथमिकी दर्ज की है वहीं नर्सिंग होम के संचालक अरुण सिंह ने भी काउंटर केस करने के लिए लिखित शिकायत थाने में दर्ज कराई है. नर्सिंग होम संचालक अरुण सिंह ने बच्ची की मौत के मामले में परिजनों के आरोपों को निराधर बताया और तोड़फोड़ करने वालों पर कठोर कार्रवाई करने की बात कही है.
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बच्ची के पैर में पस जम गया था
बता दें कि आदित्यपुर स्थित शिवा नर्सिंग होम में 10 वर्षीय आराध्या के इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए परिजनों ने मंगलवार को तोड़फोड़ की थी और जमकर हंगामा भी किया था. परिजनों ने कार्रवाई को लेकर मुख्य सड़क भी जाम कर दिया था. परिजनों का आरोप था कि अस्पताल प्रबंधन ने इलाज में लापरवाही बरती जिससे आराध्या की मौत हो गई. इस मामले को लेकर शिवा नर्सिंग होम प्रबंधन के संचालक अरुण कुमार सिंह ने सभी आरोपों को निराधार बताया. अरुण कुमार ने बताया कि बच्ची को 4 जनवरी को अस्पताल में लाया गया था. एक्सरे करने के बाद डॉ. अभिषेक ने फ्रैक्चर नहीं पाया, जिसके बाद उन्होंने बच्ची के पैर में कच्चा प्लास्टर लगाकर कुछ दवाइयां लिखी. सोमवार को परिजन खुद से प्लास्टर काटकर अस्पताल में आए. डॉ. अभिषेक ने जांच में पाया कि बच्ची के पैर में पस जम गया है और बच्ची का चेहरा भी फूला हुआ है.
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प्रबंधन ने डेथ सर्टिफिकेट देने से मना कर दिया
उन्होंने बच्ची को टीएमएच ले जाने की सलाह दी. परिजन बच्ची को लेकर चले गए. मंगलवार को बच्ची को फिर से नर्सिंग होम लाया गया. डॉ. अभिषेक ने फिर से बच्ची को टीएमएच ले जाने को कहा. परिजन बच्ची को ले गए. थोड़ी देर बाद वे लोग बच्ची को मृत अवस्था में लेकर अस्पताल पहुंचे और डेथ सर्टिफिकेट की मांग करने लगे. चूंकि बच्ची की मौत अस्पताल में नहीं हुई थी जिस कारण प्रबंधन ने सर्टिफिकेट देने से मना कर दिया. जिसके बाद परिजनों ने तोड़फोड़ करनी शुरू कर दी. उन्होंने कहा कि अगर बच्ची का पोस्टमार्टम किया जाता तो मौत का कारण स्पष्ट हो जाता. उन्होंने बताया कि उनके अस्पताल में तोड़ फोड़ करने वालों के खिलाफ जिला प्रशासन को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए.
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