Adityapur (Sanjeev Mehta) : राज्य में 2003 में गठित इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 के तहत अगर हर जिले में बिजली थाना का गठन कर लिया जाता तो बिजली चोरी रुक सकती थी. आज बिजली चोरी की वजह से जेबीवीएनएल को 35 से 40 फीसदी लाइन लॉस का नुकसान झेलना पड़ रहा है. इस पर लगाम लगाने की जरूरत है. उक्त बातें जमशेदपुर एरिया बोर्ड के महाप्रबंधकन (जीएम) श्रवण कुमार ने कहीं.
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उन्होंने बताया कि हमें बिजली चोरी रोकने के लिए समय पर पुलिस प्रशासन का सहयोग नहीं मिल पाता है. इसके बावजूद पूरे एरिया बोर्ड में हम एंटी विद्युत ऊर्जा चोरी अभियान चलाकर हर महीने करीब हजार केस विभिन्न थाना में करते हैं. लेकिन फिर भी बिजली चोरी थम नहीं रही है. विद्युत ऊर्जा की चोरी करने वाले रात में हुकिंग करते हैं जिसे हम प्रशासनिक सहयोग नहीं मिलने की वजह से पकड़ नहीं पाते हैं. अगर उत्पाद विभाग की तरह बिजली विभाग का अलग थाना स्थापित हो जाये जो 24 घंटे बिजली चोरी और इससे संबंधित वाद के लिए कर करना शुरू कर दे तो हमारा लाइन लॉस घटकर 10 से 15 फीसदी पर आ सकती है.
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उन्होंने बताया कि हमारा डिमांड हर माह 3000 मेगावाट बिजली है, लेकिन लाइन लॉस में करीब 1200 मेगावाट बिजली बेकार चली जाती है जिसके वजह से हमें हर माह 4000 मेगावाट बिजली खरीदनी पड़ती है. उन्होंने बताया कि बिजली आपूर्ति भी आवश्यक सेवा में आता है लेकिन सरकार इसके इंफ्रास्ट्रक्चर और इसके संरक्षण के प्रति उदासीन है. आज जरूरत है इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 में में बने नियम कानूनों को सख्ती से लागू और पालन कराने की तभी बिजली विभाग का घाटा कम हो सकती है और उपभोक्ताओं को समुचित बिजली मिल सकती है.