Adityapur : आदित्यपुर नगर निगम द्वारा उद्योगों से होल्डिंग लेने के सवाल पर अब मेयर विनोद श्रीवास्तव भी मुखर हुए है. उन्होंने मार्च 1963 में तत्कालीन बिहार सरकार द्वारा नोटिफिकेशन पत्र प्रस्तुत करते हुए कहा कि नोटिफिकेशन में गम्हरिया के मुसरीकुद्दर, जगन्नाथपुर, सान गम्हरिया और झुरकुली अधिसूचित क्षेत्र के 49 किलोमीटर वर्ग क्षेत्र की चौहद्दी दर्शायी गई है, इसके अंदर आसंगी मौजा आता है. जिसमें कृष्णापुर, पार्वतीपुर आदि गांव भी आते है. जबकि औद्योगिक क्षेत्र इस चौहद्दी के अंदर है. ऐसे में 1963 के नोटिफिकेशन में जब यह अधिसूचित क्षेत्र में शामिल था तो 1971 में स्थापित आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र इससे बाहर कैसे हो गया.
इसे भी पढ़ें : आदित्यपुर : जन कल्याण मोर्चा के सचिव को मातृ शोक
300 इंडस्ट्री पहले से होल्डिंग टैक्स दे रहे है
उन्होंने यह भी कहा कि करीब 300 इंडस्ट्री पहले से होल्डिंग टैक्स दे रहे हैं और इस वर्ष भी 39 नए उद्योगों ने होल्डिंग करवा कर टैक्स दिया है. ऐसे में कुछ मानिंद उद्योगों द्वारा इसका विरोध करना उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि अब तक चार उद्यमी 2011 से हाई कोर्ट की शरण में जा चुके हैं जिनकी अर्जी खारिज हो चुकी है. उन्होंने कहा कि केवल नगर निगम क्षेत्र में होल्ड करने पर होल्डिंग टैक्स देना अनिवार्य होता है. उन्होंने उद्यमियों से अपील किया कि वे इस विवाद को खत्म कर होल्डिंग टैक्स दें और आदित्यपुर के विकास में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें.
इसे भी पढ़ें :आदित्यपुर : शराब दुकान के विरोध में सड़क पर उतरीं महिलाएं, थाना प्रभारी से हस्तक्षेप की मांग
बैंक खाते फ्रीज करने की धमकी दे रखी है
बता दें कि मेयर का बयान उस समय आया है जब अपर नगर आयुक्त द्वारा नगर विकास विभाग से और जियाडा के द्वारा उद्योग विभाग से मंतव्य मांगा गया है. बता दें कि उद्योगों से इस होल्डिंग टैक्स लेने का विरोध उद्यमी संगठन एसिया (आदित्यपुर स्मॉल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन), सिया (सिंहभूम इंडस्ट्रीज एसोसिएशन) और लघु उद्योग भारती बारी-बारी से कर चुकी है. अपर नगर आयुक्त ने तो उद्यमियों से होल्डिंग टैक्स लेने के लिए कानूनी कार्रवाई करने और उनके बैंक खाते फ्रीज करने तक की धमकी दे रखी है. इतना ही नहीं उन्हें नए जलापूर्ति पाइप लाइन से कनेक्शन तक नहीं दी जा रही है. वहीं उद्यमी संगठनों ने भी कारखाना बंद कर उद्योग विभाग की चाबी सौंपने और औद्योगिक क्षेत्र के डेढ़ लाख मजदूरों को बेकार करने तक की धमकी दे रखी है. अब देखना है दोनों विभाग उद्योगों से होल्डिंग टैक्स के विवाद को कैसे सुलझाती है.