Adityapur (Sanjeev Mehta) : एनआईटी अनुकंपा आश्रितों के धरना पर आजतक कोई एक्शन नहीं लिया गया. 22 नवंबर से अनुकंपा आश्रीत धरना पर बैठे है. इस संबंध में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को भाजपा नेता राकेश रमन चौधरी ने पत्र लिखा था. इसपर केंद्रीय मंत्री ने मेल से रिप्लाय कर सकारात्मक पहल का आश्वासन दिया है. बता दें कि एनआइटी गेट पर 22 नवंबर 2022 से धरना व 24 जनवरी 2023 से अनुकंपा आश्रित दलित महिलाएं और उनके परिजन भूख हड़ताल पर डटे हैं. इनके पति आरआईटी के इम्प्लाइज थे. इन मृतक कर्मी के आश्रितों का कोई सुधि नहीं ले रहा है. कर्मियों की पत्नियों का भीषण गर्मी और हीट वेव से बुरा हाल हो रहा है. मृतक कर्मचारियों की पत्नियां अनुकंपा के आधार पर नौकरी की मांग कर रही है. जिसके लिए ये महिलाएं पिछले 22 नवंबर 2022 से अनिश्चित कालीन धरना पर बैठी थी.
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इनका हाल जानने संस्थान का कोई व्यक्ति नहीं आ रहा
दलित पीड़ित विधवा महिलाओं का हाल जानने संस्थान का कोई व्यक्ति नहीं आ रहा है. हड़ताल पर बैठे मृत कर्मचारी के पत्नीयों में सदाशिव मुखी की पत्नी विमला देवी, जौहर मुखी की पत्नी मुन्नी देवी, कार्तिक मुखी की पत्नी सायबान मुखी, कल्लू नायक की पत्नी छाया देवी, शरद मुखी की पत्नी नीलमणि मुखी शामिल हैं. पिछले दिनों लगातार डॉट इन पर समाचार प्रकाशित होने पर एक सेवानिवृत्त कर्मचारी संस्थान के नए निदेशक से मिला था जिन्हें निदेशक ने इन धरनार्थियों के लिए सकारात्मक पत्र मंत्रालय को भेजे जाने की बात बताई थी. अब भाजपा नेता राकेश रमन चौधरी ने केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को मेल से पत्र भेजकर इनके लिए न्याय की गुहार लगाई है, जिसका केंद्रीय मंत्री ने सकारात्मक पहल करने का रिप्लाय दिया है. बता दें कि जब इन अनुकंपा आश्रित दलित महिलाओं ने धरना शुरू किया था तब कड़ाके की ठंड पड़ रही थी और जब करीब सात महीने बीत जाने के बाद कड़ाके की धूप और हीट वेव पड़ रहा है. लेकिन सभी महिलाएं नौकरी के लिए धरना पर डटी हुई हैं.
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