- रेड-येलो और ग्रीन जोन में बंटे क्षेत्र में नहीं भेजा जा रहा पानी का टैंकर
- लोग कर रहे पीने के पानी के लिए जद्दोजहद
- नगर निगम के कई वार्ड ड्राई जोन बने
- 600 फीट गहरी बोरिंग में भी नहीं मिल रहा पानी
Adityapur (Sanjeev Mehta) : आदर्श चुनाव आचार संहिता के चक्कर में नगर निगम का पानी टैंकर योजना पड़ गया है. जिसके वजह से अतिरिक्त टैंकरों से जलापूर्ति करने की योजना खटाई में पड़ गई है. बता दें कि नगर निगम प्रशासन ने रेड-एलो और ग्रीन जोन में क्षेत्र को बांटकर सर्वे कराया था जहां से अतिरिक्त टैंकरों से जलापूर्ति होनी थी लेकिन टेंडर फाइनल नहीं होने से अतिरिक्त टैंकर से जलापूर्ति नहीं हो पा रही है. इधर लोग पीने के पानी के लिए जद्दोजहद करने को मजबूर हैं. बता दें कि नगर निगम के कई वार्ड ड्राई जोन बन चुके हैं, वार्ड 17 की स्थिति यह है कि 600 गहरी बोरिंग कराने के बावजूद लोगों को पानी नहीं मिल रहा है. ऐसे में लाखों करोड़ों रुपए का आलीशान मकान बना कर रह रहे लोग बूंद बूंद पानी को तरस रहे हैं.
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बता दें कि जनवरी 2024 में ही नगर निगम ने आदित्यपुर शहरी क्षेत्र में गर्मी में होने वाले पेयजल संकट को दूर करने के लिए योजना बनाई थी, जिसके तहत नगर निगम के वार्डों का सर्वे कराया गया और ऐसे वार्डों की पहचान की गई जहां ज्यादा जल संकट हैं. नगर निगम के प्रशासक आलोक कुमार ने बताया था कि उन्होंने जल संकट वाले वार्डों की पहचान करने के लिए सर्वे शुरू किया है. इसमें सर्वेयर को रेड-एलो और ग्रीन जोन में चिन्हित कर वहां जरूरत के मुताबिक टैंकरों से जलापूर्ति कराएंगे. उन्होंने बताया था कि जहां ज्यादा जल संकट उस वार्ड को रेड, जहां आंशिक संकट वो एलो और जहां जल संकट नहीं वो ग्रीन जोन कहलायेंगे.
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वार्डों को इन्हीं 3 जोन में बांटकर गर्मी में नगर निगम टैंकर से जलापूर्ति करेगी. लेकिन यह रणनीति आचार संहिता की वजह से धरी रह गई है. प्रशासक ने कहा था कि अब नगर निगम क्षेत्र की सफाई व्यवस्था भी दुरुस्त होगी, जिसके लिए उन्होंने वर्तमान संवेदके को बदलने का निर्णय लिया है. कुल 35 वार्ड को 7 जोन में बांटा गया है और सभी के लिए अलग अलग संवेदक का चयन टेंडर के माध्यम से किया जा रहा है. लेकिन यह टेंडर भी आचार संहिता के चक्कर में पड़ गया है. बता दें कि निगम में 2020 से एक ही संवेदक को बारंबार एक्सटेंशन देकर सफाई कार्य करवाया जा रहा है. जिनकी सेवा संतोषजनक नहीं है. वार्डों में नियमित सफाई नहीं हो रही है, कई वार्ड तो नरक में तब्दील हो चुकी है.
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टेंडर की मांगी गई है अनुमति : नगर प्रबंधक
वहीं अतिरिक्त टैंकर से जलापूर्ति करने की योजना और टेंडर फाइनल करने के सवाल पर नगर निगम के नगर प्रबंधक कुमार सौरभ बताते हैं कि उनकी योजना आदर्श आचार संहिता के चक्कर में फंस गया है लेकिन प्रशासक ने निगम क्षेत्र में भीषण गर्मी में हो रही पेयजल संकट का हवाला देते हुए चुनाव आयोग को पत्र लिखकर टेंडर फाइनल करने की अनुमति मांगी है. यदि अनुमति मिल जाती है तो टेंडर फाइनल कर अतिरिक्त टैंकरों से जल संकट वाले वार्डों में पेयजलापूर्ति शुरू कराई जाएगी.