Adityapur (Sanjeev Mehta) : नागरिक समन्वय समिति सरायकेला-खरसावां के केन्द्रीय अध्यक्ष प्रसिद्ध नारायण सिंह एवं महासचिव अजीत कुमार ने संयुक्त बयान जारी कर कहा है कि वो झारखण्ड केबिनेट के उस निर्णय का विरोध करते हैं जिसके द्वाराउ आदित्यपुर निगम क्षेत्र में 20 प्रतिशत से भी कम आबादी रहने के बावजूद मेयर पद अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित किया गया है. नेताद्वय ने कहा कि सरकार का यह निर्णय आदित्यपुर निगम क्षेत्र में रहनेवाले 80 प्रतिशत गैर आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों का क्रुरता पूर्वक हनन का मामला है. इसके विरुद्ध वे लोग कोर्ट जाएंगे.
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यह आदित्यपुर निगम क्षेत्र की बहुसंख्यक जनता के लिए घोर पीड़ादायक है. जनता इसे कभी स्वीकार नहीं करेगी. नागरिक समन्वय समिति सरायकेला-खरसावां यह मांग करती है कि संविधान में रक्षित प्रावधानों के तहत सरकार पहले आदित्यपुर निगम क्षेत्र के जनसंख्या के आधार पर सर्वे कराये यदि अनुसूचित जनजाति की संख्या संविधान के अनुसार आरक्षण योग्य है तो आरक्षित किया जाय अन्यथा इसे अविलंब रद्द किया जाय. यदि सरकार निगम चुनाव के पूर्व इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई नहीं करती है तो नागरिक समन्वय समिति बाध्य हो कर निगम क्षेत्र के 80 प्रतिशत पीड़ित जनता के समर्थन में उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होगी. तथा इस कृत्य के लिए आगामी लोकसभा/विधानसभा के चुनाव के समय सरकार में शामिल सभी राजनीतिक दलों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा. नेताद्वय ने आदित्यपुर निगम क्षेत्र के 80 प्रतिशत जनता से अपील किया है कि सभी दलगत-जातिगत-क्षेत्रगत भावनाओं को छोड़कर अपने संविधान प्रदत्त अधिकारों के लिए एकजुट होकर कर संघर्ष के लिए आगे आएं ताकि आने वाली नौजवानों पीढ़ी के अधिकारों की रक्षा हो सके.