Adityapur (Sanjeev Mehta) : आदित्यपुर एनआईटी जमशेदपुर का 12वां दीक्षांत समारोह शनिवार को संपन्न हुआ. समारोह में मुख्य अतिथि टाटा स्टील के एमडी टीवी नरेंद्रन, विशिष्ट अतिथि संस्थान के एलुमनी और आरएसबी ट्रांसमिशन के डायरेक्टर आरके बेहरा व संस्थान के प्रथम बैच के छात्र 82 वर्षीय प्रफुल्ल पाणिग्रही मौजूद रहे. इस दौरान संस्थान के डायरेक्टर प्रो. केके शुक्ला, रजिस्ट्रार कर्नल एनके राय, डीन प्रो. अमरेश कुमार और प्रो. एमए हसन ने छात्रों को प्रमाण पत्र बांटा. डायरेक्टर प्रो. शुक्ला ने बताया कि आज बीटेक के 643, पीजी के 366 और एमसीए के 28 छात्रों यानि कुल 1037 छात्रों को प्रमाण पत्र दिया गया. इनमें दो छात्राओं को गोल्ड व 23 छात्रों को सिल्वर मेडल दिया गया. गोल्ड मेडल पाने वाली छात्राओं में हंसा कुमारी यूजी शाखा सिविल इंजीनियरिंग व दिव्यांशी अग्रवाल पीजी एमसीए की शामिल है.
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जॉब देनेवाला बनिए, जॉब सीकर नहीं : टीवी नरेंद्रन
समारोह को संबोधित करते हुए टाटा स्टील के एमडी टीवी नरेंद्रन ने कहा कि उन्होंने 1986 में एनआईटी त्रिचीरा से पास किया है, जिसकी याद आज ताजा हो गई है. उन्होंने छात्रों से अपील की, कि जॉब देने वाला बनिए, जॉब सीकर नहीं. सोसायटी के लिए प्रेरणास्रोत बनिए, आप चाहे तो देश की तस्वीर और तकदीर बदल सकते हैं. ग्लोबल लेवल पर बदलाव लाकर भारत को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने की जिम्मेदारी आप लोगों पर है. आज विश्व की इकोनॉमी रसिया-यूक्रेन वार की वजह से डगमगा गई है. ऐसे में आपको खुद को खड़ा करना है. आने वाले 30 वर्ष विश्व के लिए महत्वपूर्ण है, इसमें हमारी टेक्नोलॉजी ही हमें आगे रख सकती है.
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आरएसबी के डायरेक्टर ने इनोवेशन सेंटर का 50 फीसदी खर्च उठाने की घोषणा की
वहीं, विशिष्ट अतिथि आरएसबी के डायरेक्टर आरके बेहरा ने पास आउट छात्रों के उज्जवल भविष्य की कामना की. साथ ही कहा कि आप जॉब देने वाला बनिए तभी आपकी डिग्री सही मायने में सफल मानी जायेगी. आज भारत इनोवेटिव कंट्री के रूप में जाना जा रहा है. यहां से डिग्री हासिल कर आज मैं एक सफल उद्यमी बन गया हूं. देश व विदेश में 11 जगहों पर हमारा प्लांट है, जिनमें 7 हजार स्थायी कर्मचारी कार्यरत हैं. मैं अपनी सफलता से संतुष्ट हूं. इस दौरान उन्होंने घोषणा किया कि प्रफुल्ल पाणिग्रही द्वारा स्थापित की जा रही इनोवेशन सेंटर का 50 फीसदी खर्च आरएसबी ट्रांसमिशन उठाएगा.
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माता-पिता, गुरुजन व मित्रों के सहयोग से मिली सफलता
गोल्ड मेडल पाने वाली छात्राओं में हंसा कुमारी और दिव्यांशी अग्रवाल ने कहा कि उनकी सफलता में माता-पिता, गुरुजन और मित्रों का सहयोग भरपूर रहा. वे आगे भी क्रिएटिविटी बरकरार रखेंगी. फिलहाल वे जॉब कर रही हैं, लेकिन बहुत जल्द अपनी स्टार्टअप कंपनी शुरू करेंगी.
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इंजीनियरिंग एंड कॉम्पीटिशनल मैकेनिकल की पढ़ाई 14 नवंबर से
वहीं, एनआईटी जमशेदपुर में बीटेक का नए कोर्स इंजीनियरिंग एंड कॉम्पीटिशनल मैकेनिकल की पढ़ाई इसी वर्ष 14 नवंबर से शुरू हो रही है. इस नए कोर्स के प्रथम वर्ष में 30 छात्रों को प्रवेश दिया गया है. डायरेक्टर प्रो. शुक्ला ने बताया कि दिल्ली यूनिवर्सिटी के बाद एनआईटी जमशेदपुर पहला संस्थान होगा जो इस विषय की पढ़ाई शुरू कर रहा है. इस कोर्स के छात्रों को ऐरो नॉटिकल और बायो मैकेनिकल के क्षेत्र में सुनहरा भविष्य मिलेगा. विदित हो कि संस्थान में पहली बार 100 से अधिक फैकल्टीज हो गए हैं, वर्तमान में यहां 256 पोस्ट के अगेंस्ट में 175 फैकल्टीज हो गए हैं. इसी वर्ष 54 का सेलेक्शन हुआ है, जिनमें 23 ने योगदान भी कर दिया है.
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आरएसबी और डीवीसी के साथ इंडस्ट्रियल प्रॉब्लम सॉल्व हेतु एमओयू
संस्थान ने छात्रों के इंडस्ट्रियल प्रॉब्लम सॉल्व करने हेतु आरएसबी ट्रांसमिशन और डीवीसी के साथ एमओयू किया है. फिलहाल छात्रों को वेल्डिंग, स्टील स्लेट और वैट को रिडक्शन करने में परेशानी आ रही थी, जिसके लिए आरएसबी के साथ एमओयू पर कार्य भी शुरू हो गए हैं.
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