Adityapur (Sanjeev Mehta) : आदित्यपुर नगर निगम का नक्शा पारित पर नियंत्रण नहीं है. यह बात साबित होती है निगम क्षेत्र में बेतरतीब ढंग से निगम क्षेत्र में बन रहे बहुमंजिला भवन, मॉल व मार्केट कॉम्पलेक्स से. आदित्यपुर-कांड्रा मुख्य मार्ग पर शायद ही कोई मॉल, मार्केट कॉम्प्लेक्स होगा जो नया बना है और उसने पार्किंग की व्यवस्था की है. नगर निगम क्षेत्र में इन दिनों बड़े-बड़े शॉपिंग मॉल एवं मल्टीप्लेक्स कॉम्पलेक्स खुले हैं. लेकिन कॉम्पलेक्स में पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं है. नतीजा मॉल में आने वाले ग्राहक सड़कों पर ही अपने वाहन खड़ा कर देते हैं. जिसके कारण मुख्य सड़क पर सुबह हो या शाम सड़क जाम की स्थिति बनी रहती है. इस पर स्थानीय पुलिस ध्यान देती है तो वाहन चालकों का पुलिस से सवाल होता है कि आप ही बताएं कहां करूं पार्किंग? तब पुलिस भी बैकफुट पर आ जाती है.
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बेतरतीब पार्किंग से होती है राहगीरों को परेशानी
वहीं दूसरी ओर आदित्यपुर नगर निगम सारी समस्याओं को जानकर भी अनजान बनी हुई है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर पर्याप्त पार्किंग के अभाव में इन भवन मालिकों को एनओसी कहां से और कैसे मिली? आकाशवाणी चौक, बाजार कोलकाता, शालिग्राम स्वीट्स, साईं नर्सिंग होम एंड रिसर्च सेंटर, ओनेक्स होटल, जायसवाल प्लाजा, आदित्य वीजन, सतपथी होटल, महामाया स्वीट्स, गर्ग स्टोर, इमली चौक के समीप फैंसी मार्केट, गम्हरिया लाल बिल्डिंग चौक, बंगाल स्वीट्स के आसपास, सिटी स्टाइल सहित दर्जनों शॉपिंग काम्प्लेक्स बगैर पार्किंग के संचालित हो रहे हैं. लोग जहां तहां गाड़ी पार्किंग करते हैं जिससे राहगीरों को परेशानी उठानी पड़ती है.
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पार्किंग पर नगर निगम का नहीं है ध्यान
आदित्यपुर नगर निगम की विजिलेंस टीम दिनभर आदित्यपुर की सड़कों पर नजर जरूर आती है, मगर उनका ध्यान अवैध मॉलों, बेतरतीब पार्किंग पर कम सिंगल यूज पॉलीथिन का प्रयोग करनेवाले गरीब ठेले-खोमचे वालों पर ज्यादा रहता है. इन दिनों यूजर चार्ज पर ज्यादा ही ध्यान दे रही है लेकिन साफ-सफाई और नागरिकों की सुविधाएं नदारद दिखती है. बता दें कि आम लोगों को यदि नगर निगम से नक्शा पास कराना हो तो उनकी एड़ियां घिस जाती है. सैकड़ों फाइल बाबुओं के टेबलों की शोभा बढ़ा रहे हैं, मगर यदि कोई शॉपिंग कॉम्पलेक्स बन रहा हो तो साल भर के भीतर वहां बहुमंजिला इमारतें खड़ी हो जाती है. यहां तक कि उसमें एक से एक ब्रांडेड शोरूम भी खुल जाते हैं. मगर पार्किंग नहीं होने के कारण उन्हें एनओसी कैसे मिलती है यह जांच का विषय है.