Adityapur : सुबर्णरेखा परियोजना के नए आवंटी विस्थापितों को अब साढ़े 12 डिसमिल ही जमीन पुनर्वास स्थल पर मिलेगी. सुबर्णरेखा परियोजना द्वारा पुनर्वास स्थल पर पहले विस्थापित को 25 डिसमिल जमीन दी जा रही थी. यह जानकारी परियोजना की अपर निदेशक और भूमि आवंटन समिति की अध्यक्ष रंजना मिश्रा ने दी. परियोजना के मुख्य अभियंता ने बैठक कर पहले फेज में 43 गांवों को खाली कराकर उन्हें पुनर्वास स्थल पर पुनर्वासित करने और मार्च 2023 से चांडिल डैम में 183 मीटर जल संग्रहण करने की रणनीति भी बनाई है. इससे किसानों को सिंचाई का समुचित पानी मिलेगा और डैम में बने सात मेगावाट की बिजली परियोजना को चालू किया जा सकेगा.
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116 गांवों के विस्थापितों को के लिये 22 पुनर्वास स्थल
रंजना मिश्रा ने बताया कि सुबर्णरेखा परियोजना चांडिल डैम के 116 गांवों के विस्थापितों को पुनर्वासित करने के लिये 22 पुनर्वास स्थल डेवलप किए गए हैं. जिनमें 13 स्थल डेवलप कर लिए गए हैं जहां विस्थापितों को पुनर्वासित भी किया गया है, लेकिन पुनर्वास स्थल पर सैकड़ों की संख्या में गैर विस्थापितों ने भी डेरा डाल रखा है. इतना ही नहीं पुनर्वास स्थल पर सरकार से पीएम आवास जैसी योजनाओं का लाभ उठाकर पक्का मकान भी बना चुके हैं.
गैर विस्थापितों को हटाने के लिये एसडीओ को सौंपी जा चुकी है सूची
उन्होंने बताया कि कुल 22 पुनर्वास स्थल पर परियोजना का 55625 डिसमिल जमीन है. एक-एक विस्थापित परिवार को 12.5 डिसमिल जमीन देकर पुनर्वासित करने की योजना बनी है. लेकिन कुछ दिन पूर्व कराए गए सर्वे में पाया गया है कि सैकड़ों की संख्या में गैर विस्थापित परिवार कब्जा कर घर बनाकर रह रहे हैं. 15 दिसंबर को कपाली पुनर्वास स्थल का सघन जांच कर गैर विस्थापितों को वहां से हटाने की कार्रवाई शुरू की गई है. वहां पाए गए अतिक्रमणकारियों को हटाने के लिये चांडिल एसडीओ को सूची सौंपी गई है. जिला प्रशासन की मदद से हटाने की कार्रवाई की जाएगी.
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