New Delhi : देश की एक और एयरलाइन के खिलाफ दिवाला प्रक्रिया की सुनवाई होने वाली है. विमानन सेवा स्पाइसजेट के एक कर्जदाता की तरफ से दायर की गई दिवाला अर्जी पर राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) अगले सप्ताह सुनवाई करने वाला है. . लो कॉस्ट एयरलाइन सेवा देने वाली स्पाइसजेट को कर्ज देने वाली कंपनी एयरक्राफ्ट लेसर एयरकॉसल (आयरलैंड) लिमिटेड ने दिवाला समाधान प्रक्रिया शुरू करने के लिए एनसीएलटी के समक्ष अर्जी लगाई है. यह आवेदन 28 अप्रैल को दाखिल किया गया था. एनसीएलटी की वेबसाइट पर उपलब्ध सूचना के मुताबिक न्यायाधिकरण की प्रमुख पीठ आठ मई को इस अर्जी पर सुनवाई करेगी. इसके पहले वाडिया समूह के स्वामित्व वाली एयरलाइन गो फर्स्ट ने खुद ही दिवाला समाधान प्रक्रिया शुरू करने की अर्जी एनसीएलटी के समक्ष लगा दी. वित्तीय संकट में घिरने के बाद गो फर्स्ट ने यह अर्जी लगाई है, जिस पर सुनवाई के बाद एनसीएलटी ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.
एयरलाइन के परिचालन पर कोई असर नहीं
दिवाला प्रक्रिया की अर्जी लगाए जाने पर स्पाइसजेट के एक प्रवक्ता ने कहा कि इस घटनाक्रम का एयरलाइन के परिचालन पर कोई असर नहीं पड़ेगा. प्रवक्ता ने बयान में उम्मीद जताई कि अदालत के बाहर ही इस मसले को हल कर लिया जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस कर्जदाता का फिलहाल कोई भी विमान एयरलाइन के बेड़े में शामिल नहीं है. प्रवक्ता ने कहा, पट्टे पर विमान देने वाली इस फर्म के सारे विमान पहले ही लौटाए जा चुके हैं.
और दो याचिकाएं भी हैं लंबित
हालांकि एनसीएलटी की वेबसाइट पर उपलब्ध सूचना के मुताबिक स्पाइसजेट के खिलाफ दिवाला प्रक्रिया शुरू करने से संबंधित दो अन्य याचिकाएं लंबित हैं. विलिस लीज फाइनेंस कॉरपोरेशन ने दिवाला अर्जी 12 अप्रैल को लगाई थी, जबकि एकर्स बिल्डवेल प्राइवेट लिमिटेड की तरफ से अर्जी चार फरवरी को दायर की गई थी. इन दोनों याचिकाओं के बारे में स्पाइसजेट की तरफ से कोई त्वरित प्रतिक्रिया नहीं सामने आई है.