Ranchi : विधायक कैश कांड मामले की प्रवर्तन निदेशालय ( ईडी) जांच कर रही है. इस मामले में कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी, राजेश कच्छप के बाद विधायक नमन विक्सल कोंगाड़ी भी ईडी के समक्ष पेश नहीं होंगे. नमन विक्सल कोंगाड़ी को ईडी के रांची जोनल ऑफिस में मंगलवार को पेश होना था. उन्होंने ईडी के समक्ष हाजिर होने के लिए दो सप्ताह का समय मांगा है. बता दें कि 30 जुलाई 2022 को 48 लाख रुपए के साथ हावड़ा में कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन विक्सल कोंगाड़ी की गिरफ्तारी हुई थी. बंगाल पुलिस की सीआईडी की जांच में यह बात सामने आयी थी कि विधायकों ने कोलकाता के ही शेयर ट्रेडर महेंद्र अग्रवाल से पैसे लिये थे. महेंद्र अग्रवाल ने पैसे क्यों दिए इन पहलूओं पर भी ईडी जांच करेगी. हालांकि तीनों विधायकों ने बताया था कि आदिवासी दिवस के लिए उन्हें साड़ी और कंंबल की खरीदारी करनी थी, इसलिए वह पैसे लेकर कोलकाता गये थे.
अनूप सिंह से ईडी कर चुकी है पूछताछ
कांग्रेस विधायक कुमार जयमंगल सिंह उर्फ अनूप सिंह से ईडी ने बीते 24 दिसंबर 2022 को करीब नौ घंटे तक पूछताछ की थी. साथ ही शिकायतकर्ता के तौर पर उनका बयान दर्ज किया था. ईडी ने पूछा कि झारखंड में सरकार गिराने के लिए उन्हें किसने 10 करोड़ रुपये का ऑफर दिया. उनसे पूछा गया कि क्या यह पेशकश फोन पर की गई थी या शारीरिक रूप से. क्या उन्हें कोई टोकन राशि दी गई थी. उनके पास कुछ भी उपलब्ध हो तो वे प्रासंगिक साक्ष्य साझा करें. ईडी ने बंगाल पुलिस के सामने उनके द्वारा दिए गए बयान को लेकर भी पूछताछ की. ईडी ने पूछा कि पार्टी तोड़ने की पेशकश के बाद उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को सूचित किया था या नहीं. और क्या कार्रवाई की गई थी. ईडी ने उनसे पूछा कि क्या पूर्व में भी इस उद्देश्य से उनसे संपर्क किया गया था. कोतवाली थाने में 2020 में दर्ज प्राथमिकी के बारे में भी ईडी ने अनूप सिंह से पूछताछ की थी.
तीनों विधायकों को नामजद अभियुक्त बनाया गया
बीते 9 नवंबर 2022 को ईडी ने विधायकों की खरीद फरोख्त के मामले में मनी लाउंड्रिंग की जांच के लिए प्राथमिकी दर्ज की थी. फिलहाल इसमें कांग्रेस के तीन विधायक डॉ. इरफान अंसारी, नमन विक्सल कोंगाड़ी और राजेश कच्छप को नामजद अभियुक्त बनाया गया हैं. इन तीनों विधायकों को कोलकाता पुलिस ने एनएच-16 पर रानीहाटी के पास 48 लाख रुपये के साथ 30 जुलाई को गिरफ्तार किया था. बाद में इस मामले की जांच पश्चिम बंगाल सरकार ने कोलकाता सीआइडी को ट्रांसफर कर दी थी.
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